निबंध
त्योहारों का जीवन में महत्व और संदेश
प्रस्तावना
दुनिया में साल भर त्योहारों का सिलसिला चलता ही रहता है। दुनिया में भारत के अलावा शायद ही ऐसा को देश होगा जहाँ इतने त्यौहार मनाए जाते हैं। भारतीय लोगों का जीवन हमेशा त्योहारों से घिरा रहता है। त्योहारों के अभाव में यहाँ की कल्पना करना कठिन है।
त्योहारों का जीवन में महत्व और संदेश
त्योहार सब के जीवन में अहमियत रखते हैं। यहाँ की खुशियाँ और मनोरंजन का सबसे बड़ा संसाधन ही त्यौहार है। जो समय-समय पर आकर जीवन में ख़ुशी के पल भर देता है। त्योहारों के चक्र की शुरुआत श्रावण तीज के साथ होती है तथा गणगौर पर इसकी समाप्ति हो जाती है इसलिए किसी ने कहा है- तीज तीवाराँ बावड़ी ले डूबी गणगौर। हमारे द्वारा मनाए जाने वाले त्यौहार कुछ न कुछ प्रेरणा जरूर देते है। जिसमें होली रंगों का त्योहार, दीपावली रोशनी का त्योहार, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार तथा ईद भाईचारे का त्यौहार होता है।
हमारा देश विभिन्नताओं के समूह का एक ऐसा देश है, जहाँ पूरे साल अलग-अलग त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों से हमारे जीवन में परिवर्तन और उल्लास का संचार होता है। त्यौहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं।
यहाँ आए दिन कोई-न-कोई त्यौहार आता ही रहता है क्योंकि जिस प्रकार प्रत्येक समुदाय, जाति व धर्म की मान्यताएँ होती हैं उसी प्रकार इन त्योहारों को मनाने की विधियों में अलग-अलग होती है। सभी त्योहारों की अपनी परंपरा होती है जिससे संबंधित जन-समुदाय इनमें एक साथ भाग लेता है। त्यौहार ही एक ऐसा वक़्त है जो किसी भी जाति के लोगों के बीच एकता बनाए रखने के प्रतीक है।
त्योहारों का महत्व
हमारे जीवन में त्योहारों का बहुत महत्व है , त्योहार हमारा एक साथी है, जो हमेशा जीवन में आकर खुशियों का संचार करता है, तथा गम को ले जाता है। हर पर्व को मनाने के अलग-अलग ढंग होते है। जैसे होली होलिका दहन, दीपावली में लक्ष्मी जी की पूजा, रक्षाबंधन में भाई की राखी, दुर्गा पूजा में दुर्गा माँ के सभी रूपों की पूजा और ईद पर चाँद की पूजा की जाती है।
हमारे जीवन में त्योहारों का बड़ा महत्व है। सभी त्योहारों की अपनी महत्व होती है जिससे संबंधित जन-समुदाय एक साथ मिलकर भाग लेते है। सभी जन त्यौहार के आगमन से प्रसन्नचित्त होते हैं व विधि-विधान से, पूर्ण उत्साह के साथ इन त्योहारों में भाग लेते हैं। सभी त्योहा अपने जन्म-काल से लेकर अब तक उसी पवित्रता और सात्विक की भावना को संजोए हुए रखे हैं।
युग-परिवर्तन और युग का पटाक्षेप इन त्यौहार के लिए कोई मायने नहीं रखता इसीलिए तो सभी त्यौहार आज भी पुराने परम्परा के साथ हंसी-खुशी एकता के साथ मनाए जाते है। त्योहार का रूप चाहे बड़ा हो, चाहे छोटा, चाहे एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित हो, चाहे सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र को प्रभावित करने वाला हो, फिर भी इसे सारे जन स दाय बड़े ही उल्लास के साथ इसका आनंद लेते है। इससे कलुषता और हीनता की भावना समाप्त होती है और सच्चाई, निष्कपटता तथा आत्मविश्वास की उच्च ओर श्रेष्ठ भावना का जन्म होता है इसीलिए सभी त्योहारों का बड़ा महत्व है।
सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना के प्रतीक हैं त्योहत्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना के प्रतीक हैं। जो की सभी जन-जीवन में जागृति लाते हैं। समष्टिगत जीवन में जाति की आशा-आकांक्षा के चिह्न हैं, उत्साह एवं उमंगों के प्रदाता हैं। राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता का कारण हैं। जीवन की एक-रास्ता से ऊबे समाज के लिए त्यौहार वर्ष की गति के पड़ाव हैं।
वह भिन्न-भिन्न प्रकार के मनोरंजन, उल्लास और आनंद प्रदान कर जीवन-चक्र को सरस बनाते हैं। पर्व युगों से चली आ रही सांस्कृतिक परम्पराओं, प्रथाओं, मान्यताओं, विश्वासों, आदर्शों, नैतिक, धार्मिक तथा सामाजिक मूल्यों का वह मूर्त प्रतिबिम्ब हैं जो जन-जन के किसी एक वर्ग अथवा स्तर-विशेष की झाँकी ही प्रस्तुत नहीं करते। इसीलिए त्योहारों की व्यवस्था समाज-कल्याण और सुख-समृद्धि के उत्पादों के रूप में हुई थी।
हमारे देश के प्रमुख त्योहार
मानवीय मूल्यों और मानवीय आदर्शों को स्थापित करने वाले हमारे देश के त्यौहार को हम दो भागों में बांट सकते हैं। पहले वर्ग में धार्मिक त्यौहार आते हैं जैसे नागपंचमी, ईद, दशहरा, दीपावली, होली, कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी, रक्षाबंधन, भैया-दूज आदि त्यौहार इसी वर्ग में आते हैं।
दूसरे वर्ग में राष्ट्रीय पर्व हैं जिस में गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, अध्यापक दिवस बलिदान दिवस प्रमुख त्यौहार माने जाते है। नाग पंचमी का त्यौहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इससे हमारे मन मे नाग देवता (शेष नाग) के प्रति श्रद्धा-भावना व्यक्त होती है। लोगों का विश्वास है कि इस दिन नाग देवता प्रसन्न होते है।
हमारे त्योहार
दीपावली का त्यौहार भी अत्यन्त ही प्रसन्नता और खुशियाँ भरा पर्व है। यह पर्व श्रीराम के अयोध्या आने की खुशी में मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस के अंधकार को पराजित करने के लिए प्रकाश का आयोजन करके सम्पन्न किया जाता है। होली का त्यौहार हमें संदेश देता है कि हम आपसी कटुता व वैमनस्य को भुलाकर अपने दुश्मनों से भी प्रेम करें। होली का त्योहार जीवन में रंग, मौज-मस्ती, आनंद, उल्सास, प्रेम और भाईचारे के बिखेरने का संदेश देता है।
दशहरा भारत का बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्यौहार है। इसे विजयादशमी भी कहते हैं। भारत में विजयादशमी का पर्व जिस प्रकार असत्य पर सत्य की तथा अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है। यह त्योहार रावण पर राम की जीत के सम्मान में पूरे देश में मनाया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरा त्यौहार विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है।
रक्षाबंधन के त्यौहार का महत्व प्राचीन परंपरा के अनुसार गुरु महत्व को प्रतिपादित करने से है। लोगों को यह मान्यता है कि इस दिन गुरु अपने शिष्य के हाथ में रक्षा सूत्र बांध करके उसे अभय रहने का वरदान देते है। परंपरा के अनुसार बहनें अपने भाइयों के हाथ में राखी का बंधन बांधकर उससे परस्पर प्रेम के निर्वाह का वचन दान लेती है।
जन्माष्टमी का त्यौहार श्रीकृष्ण के जन्मदिन की उपलक्ष में मनाया जाता है। रामनवमी का त्योहार भगवान राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
नवरात्रि का व्रतोत्सव वर्ष में दो बार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और नौ दिन तक देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है। ये त्योहार स्त्रीशक्ति और मातृशक्ति की महत्ता का प्रतीक है।
ईसाइयों का त्यौहार क्रिसमस संसार से पाप के अंधकार को दूर करने का संदेश देता है। ईद और बकरीद मुस्लिम का प्रमुख त्यौहार है।
रमजान का पावन महीना आता है एवं रमजान का महीना व्रत, त्याग और तपस्या का महीना है। रमजान में स्वस्थ मुस्लिम लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद नमाज़ पढ़ कर रोज़ा खोलते हैं।
इसी प्रकार हमारे कुछ राष्ट्रीय पर्व हैं। जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, अध्यापक दिवस व गाँधी जयंती को सभी धर्मों, जातियों व संप्रदायों के लोग मिल-जुल कर खुशी से मनाते हैं। इन अवसरों पर सारा राष्ट्र उन महापुरुषों व देश भक्तों को याद करता है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को सहर्ष न्यौछावर कर दिया।
इस प्रकार सभी त्योहारों के पीछे भारतीय जन जीवन में एक नई उमंग प्रदान करती हैं। राष्ट्रीय एकता के रूप में हमारी पहचान त्यौहार राष्ट्रीय एकता के रूप में हमारी पहचान हैं, राष्ट्र की एकात्मता के परिचायक हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक विस्तृत इस पुण्यभूमि भारत का जन- जन जब होली, दशहरा और दीपावली मनाता है, होली का हुड़दंग मचाता है, दशहरा के दिन रावण को जलाते है और दीपावली की दीप-पंक्तियों से घर, आँगन, द्वार को ज्यांतित करता है, तब भारत की जनता राजनीति-निर्मित उत्तर और दक्षिण का अन्तर समाप्त कर एक सांस्कृतिक गंगा-धारा में डुबकी लगाकर एकता का परिचय दे रही होती है।
दक्षिण का ओणम्, उत्तर का दशहरा, पूर्व की (दुर्गा) पूजा और पश्चिम का महारास,जिस समय एक-दूसरे से गले मिलते हैं, तब भारतीय तो अलग, परदेसियों तक के हृदय- शतदल एक ही झोंके में खिल जाते हैं। इसमें अगर कहीं से बैसाखी के भंगड़े का स्वर मिल जाए या राजस्थान की पनिहारी की रौनक घुल जाए तो कहना ही क्या ? भीलों का भगेरिया और गुजरात का गरबा अपने आप में लाख-लाख इंद्रधनुष की अल्हड़ता के साथ होड़ लेने की क्षमता रखते हैं। इसीलिए त्यौहार राष्ट्रीय एकता के रूप में हमारी पहचान हैं।
त्यौहार हमें क्या संदेश देते हैं
त्यौहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं। इन त्योहारों से उसके जीवन की नीरसता समाप्त होती है तथा उसमें एक नवीनता व सरसता का संचार होता है। ऐतिहासिक विरासत और जीवंत संस्कृति के सूचक ये त्योहार विदेशियों के समक्ष भी हमारे सरस और सजीले सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन करते हैं और हमें गौरवान्वित होने का अवसर देते हैं। जीवन को नई ताजगी देते त्योहार जीवन में जीने का उत्साह और उल्लास का रंग भरते हैं, जिस से जीने का हौसला दोगुना हो जाता है।
रोजमर्रा की परेशानियों को भुला कर हमें सजने संवरने और नए स्वाद चखने का भी अवसर देते हैं। होली का त्योहार जहाँ मस्ती और मौज का संदेश देता है वहीं दीवाली अंधकार को दूर कर के जीवन में रोशनी भरने का। त्यौहार अच्छा खाना, अच्छा पहनना, खुश रहने और जीवन को खुशनुमा बढ़ाने का श्रेष्ठ माध्यम होते हैं। इस का उद्देश्य भाईचारे को बढ़ाते हुए एक दूसरे के दुख सुख का हम सफर बनना है।
दीवाली का त्यौहार आकाश में पटाखों की रोशनी और समृद्धि की अभिव्यक्ति है। आशाओं के उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस त्योहार का महत्व जीवन के अनमोल पहलुओं से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार अमावस्या के अंधकार में ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ यानी अंधेरे से रोशनी की तरफ जाने का संदेश देता है।
विजयादशमी असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है। रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के प्रेम और भाई का बहन की आजीवन रक्षा करने के संकल्प को याद करता है। ईद का त्यौहार हमें भाईचारे का संदेश देता है।
उपसंहार
इस प्रकार सभी त्यौहार और पर्व देश को एक सूत्र में बाँधे रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं अथवा हमारे त्यौहार राष्ट्रीय एकता को मजबूत करते हैं। वह भारतीय नागरिकों के मन में देशप्रेम व मित्रता का भाव जगाते हैं। हमारे त्यौहार हमारी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा व भारतीय सभ्यता के प्रतीक हैं। ये त्यौहार हमारी संस्कृति की धरोहर हैं। इन पर्वों व त्योहारों के माध्यम से हमारी संस्कृति की वास्तविक पहचान होती है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि त्योहारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। बढ़ते शहरीकरण ने त्योहारों के महत्व को भुला दिया है, पर आज भी ग्रामीण इलाकों में त्योहारों की झलकियों को महसूस किया जा सकता है। यहाँ लोग त्योहारों को बड़े ही प्रेम के साथ मिलकर मनाते है। हमें हर पर्व को धूमधाम के साथ मनाकर उसका आनंद लेना चाहिए तथा हमारी संस्कृति और परम्परा को बनाए रखना चाहिए, लेकिन आज त्योहारों के अवसर पर ऐसे कार्य होते है, जो नुकसानदायक है, उनकी समाप्ति जरूरी है।
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