सरकार को भिखारियों के पुनर्वास के लिए पूरा प्रयत्न करना चाहिए। भिखारी केवल भिखारी नहीं होते। वह उस देश के नागरिक भी होते हैं, जिस देश में रह रहे होते हैं। इसलिए सरकार का परम कर्तव्य है कि वह अपने देश के हर नागरिक को अच्छा जीवन देने वाला वातावरण बनाए। कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से भिखारी नहीं बनता। उसकी सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों ही उसे भिखारी बनने पर मजबूर कर देती है। यदि किसी समाज या देश में भिखारियों की संख्या अधिक है तो इसका मतलब उस समाज या देश की आर्थिक स्थिति और आर्थिक नीतियां ठीक नहीं है। इसलिए यह सारा दायित्व सरकार का हो जाता है कि वह भिखारियों के पुनर्वास का कार्य करें और उन्हें भी एक सम्मानजनक एवं सुविधा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार दे।
सरकार को भी कार्यों के पुनर्वास के लिए निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए…
- सरकार को भिखारियों के आवास के लिए उचित प्रबंध करना चाहिए ताकि भिखारी सड़क पर बेघर बनकर ना रहे और किसी सुरक्षित आवास में रह सकें।
- सरकार को भिखारी के जीवन-यापन हेतु उन्हें कुछ ऐसा रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे वह स्वावलंबी बनकर सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
- सरकार को भिखारियों की काउंसलिंग करके उन्हें स्वाबलंबी जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए क्योंकि भीख मांगना कोई अच्छी प्रवृत्ति नहीं है।
- भले ही कुछ भिखारी मजबूरी में भीख मांगते हो लेकिन कुछ भिखारी इसे अपना व्यवसाय भी बना लेते हैं। इसलिए सरकार को ऐसे लोगों की मानसिक काउंसलिंग करने की आवश्यकता है।
- इस तरह यदि सरकार अपने प्रयासों द्वारा अपने समाज से भिखारियों की संख्या कम कर पाती है तो यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
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