अनौपचारिक पत्र लेखन
छोटे भाई को परिश्रम का महत्व समझाते हुए पत्र
दिनाँक : 1/8/2025
प्रिय छोटे भाई राहुल,
सस्नेह आशीर्वाद
आशा करता हूँ कि तुम स्वस्थ और प्रसन्न होगे। घर से तुम्हारा पत्र मिला और माँ से बात करके पता चला कि तुम्हारी पढ़ाई में कुछ कमी आ रही है। इसीलिए मैंने सोचा कि तुमसे परिश्रम के महत्व के बारे में बात करूँ।
प्रिय अनुज, जीवन में सफलता पाने का कोई जादुई फार्मूला नहीं है। केवल कड़ी मेहनत और निरंतर परिश्रम ही हमें मंजिल तक पहुँचा सकता है। जैसे एक किसान दिन-रात मेहनत करके अपने खेत से सुनहरी फसल काटता है, वैसे ही हमें भी अपने सपनों को साकार करने के लिए परिश्रम करना पड़ता है।
देखो, हमारे महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का उदाहरण लो। वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें भारत का राष्ट्रपति बना दिया। उन्होंने कहा था – “सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
परिश्रम के बिना प्रतिभा भी अधूरी रह जाती है। तुम्हारे अंदर बहुत सारी क्षमताएँ हैं, लेकिन उन्हें निखारने के लिए मेहनत की जरूरत है। जैसे कोयले को घिसने से हीरा बनता है, वैसे ही निरंतर अभ्यास से हमारी प्रतिभा चमकती है।
यह भी याद रखो कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। आज तुम जो भी परिश्रम करोगे, वह कल तुम्हारे काम आएगा। पढ़ाई में रोज थोड़ा-थोड़ा समय देकर देखो – तुम्हें अपने अंदर सुधार दिखाई देगा।
मैं चाहता हूँ कि तुम एक समय-सारणी बनाओ और उसका पालन करो। खेल-कूद के साथ-साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दो। याद रखो, “कर्म ही पूजा है” और परिश्रम ही जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा है।
आशा है कि मेरी इन बातों से तुम्हे परिश्रम का महत्व समझ आ गया होगा और आज से ही मेरी दी हुई सीख पर अमल करना शुरु कर दोगे।
मेरी छुट्टियां होते ही मैं जल्दी ही घर आऊंगा और तुम्हारे लिए कुछ अच्छी प्रेरणादायक पुस्तकें भी लाऊँगा।
तुम्हारा बड़ा भाई,
अमित
और संबंंधित पत्र…
अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए कि वह अपने स्कूल में सदा उपस्थित रहे और परीक्षा की भली-भाँति तैयारी करे।