अनौपचारिक पत्र
व्यायाम का महत्व बताते हुए छोटी बहन को पत्र
दिनांक : 18/11/2024
34/3, आशीर्वाद भवन,
सुंदरनगर, मंडी (हि. प्र.)
प्रिय बहन रागिनी,
सदैव खुश रहो !
मैं यहाँ कुशलता से हूँ और ईश्वर से तुम्हारी कुशलता की मंगल कामना करता हूँ। आज मुझे तुम्हारे प्रधानाचार्य का पत्र मिला जिससे पता चला कि तुमने परीक्षा में अच्छे अंक लाकर अपने माता-पिता का ही नहीं अपितु अपने गुरुजनों व अपने विद्यालय के नाम को भी गौरवान्वित किया है।
तुम्हारा परीक्षा परिणाम सुनकर माता जी फूली नहीं समा रही हैं। उन्होंने पत्र में ये भी लिखा था कि आजकल तुम्हारी तबीयत कुछ नाजुक रहती है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होता है। पढ़ाई के साथ–साथ तुम्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी ज़रूरी है । तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। अतः तुम्हें रोज व्यायाम करना चाहिए और सुबह-सुबह टहलना चाहिए। खान-पान का समुचित ध्यान रखना चाहिए। व्यायाम और खान-पान में भी उसी मनोयोग से ध्यान दो जिस मनोयोग से पढ़ाई में ध्यान देती हो। यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है तो जीवन सुख पूर्वक व्यतीत होता है ।
व्यायाम के माध्यम से हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते है । अगर व्यायाम नियमित रूप से किया जाए तो शरीर में होने वाले दर्द से निजात पाई जा सकती है। मैंने हाल ही में व्यायाम करना शुरू किया है और मुझे इससे बहुत ही आराम है। मैं व्यायाम की वजह से तरोताजा महसूस करता हूँ और ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। तुम्हारे लिए व्यायाम एक अच्छा उपचार सिद्ध होगा। आशा करता हूँ कि तुम मेरी सलाह को मानोगी और व्यायाम को अपने जीवन में स्थान दोगी। इस बार तुम जब गर्मियों की छुट्टियों में घर आओगी तो हम साथ में मिलकर व्यायाम करेंगे। अपना ख्याल रखना। शेष मिलने पर ।
तुम्हारा भाई,
अजय
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