अनुच्छेद
परिवार की बढ़ती दूरियाँ
परिवार समाज की आधारशिला है, जहाँ प्रेम, सम्मान और आपसी सहयोग के बंधन में लोग एक साथ रहते हैं। परिवार ही वह स्थान है जहाँ हमारी जीवन यात्रा आरंभ होती है और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। परंतु वर्तमान समय में आधुनिकता, तकनीकी विकास और व्यस्त जीवनशैली ने पारिवारिक संबंधों में दूरियाँ पैदा कर दी हैं।
आज के समय में संयुक्त परिवार का विघटन एक गंभीर चिंता का विषय है। व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबाव के कारण लोग अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया ने भौतिक रूप से एक ही छत के नीचे रहने वाले लोगों के बीच भावनात्मक दूरियाँ पैदा कर दी हैं। इसके परिणामस्वरूप बुजुर्गों को अकेलापन, बच्चों में संस्कारों की कमी और युवाओं में तनाव जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं।
इन दूरियों से होने वाली हानियाँ अनगिनत हैं। आपसी सहयोग का अभाव, भावनात्मक सुरक्षा की कमी, परिवारिक मूल्यों का ह्रास और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ इनमें प्रमुख हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए नियमित पारिवारिक बैठकें, संयुक्त गतिविधियों का आयोजन, डिजिटल डिटॉक्स और खुले संवाद को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।
निष्कर्षतः, परिवार हमारी पहचान और अस्तित्व का आधार है। इसकी मज़बूती पर ही व्यक्ति और समाज का विकास निर्भर करता है। आवश्यकता है कि हम आधुनिकता के साथ चलते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और पारिवारिक बंधनों को मज़बूत बनाए रखें।
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