संदेश लेखन
नाराज हुए मित्र को मनाने के लिए अनूठा संदेश
दिनाँक: **/**/****
प्रिय मित्र मनीष,
जानता हूँ, मेरी गलती से तुम्हारा दिल दुखा है। तुम्हारे मन में जो भी है, वह सही है – तुम्हारी भावनाएँ महत्वपूर्ण हैं। पर याद करो वे पल जब हमने साथ में मुश्किलें झेली थीं, हँसी-ठिठोली की थी, और एक-दूसरे का साथ दिया था।
एक पेड़ अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है, चाहे उसकी शाखाएँ कितनी भी दूर क्यों न फैली हों। वैसे ही हमारी मित्रता – उसकी जड़ें गहरी हैं।
मेरी जिंदगी में तुम्हारा स्थान कोई नहीं ले सकता। मैं वादा करता हूँ कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी।
क्या तुम मुझे एक और मौका दोगे? कल शाम को तुम्हारी पसंद का खाना, मेरी तरफ से। फिर से पुरानी यादों को ताज़ा करेंगे।
तुम्हारा हमेशा,
संदीप ठाकुर
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