अनुच्छेद
जब मैं बीमार हुआ
जब मैं बीमार हुआ, वह एक अनुभव था जिससे मुझे स्वास्थ्य का महत्व समझा आया। यह पिछली सर्दियों की बात है, जब अचानक मुझे तेज बुखार आ गया। शरीर में दर्द, सिर में भारीपन और लगातार खांसी ने मुझे बिस्तर पर ला दिया।
परिवार के सदस्यों ने मेरी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी। माँ ने गर्म सूप और काढ़े बनाए, पिताजी दवाइयाँ लेकर आए। बहन ने मेरी हर जरूरत की पूरा करने की कोशिश की।
बीमारी ने मुझे अपने दैनिक जीवन के महत्व का एहसास कराया। स्कूल जाना, दोस्तों के साथ खेलना, बाहर घूमना – ये सब साधारण लगने वाली गतिविधियाँ अब मूल्यवान लगने लगी।
धीरे-धीरे, दवाओं और आराम के साथ, मेरी तबीयत सुधरने लगी। जब मैं ठीक हुआ, तो मैंने प्रण लिया कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखूँगा। यह अनुभव मेरे लिए एक सबक बन गया कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।
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