आलेख
विद्यालय में अनुशासन
अनुशासन के बिना कोई भी समाज एवं राष्ट्र अपने उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर सकता है। अनुशासन की हर क्षेत्र में आवश्यकता होती है। अनुशासन में व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है। अतः अनुशासन व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों को कुशलतापूर्वक निभाने की प्रेरणा देता है। अनुशासन मनुष्य को अपने उत्तरदायित्वों को निभाने की प्रेरणा देता है और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देता है। विद्यालयों में अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्तियों में अनेक गुणों का विकास होता है। इसलिए व्यक्तिगत दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, अनुशासन व्यक्ति में सच्चरित्रता लाता हैं।
विद्यालय में अनुशासन की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है –
- अनुशासन छात्र के व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है।
- अनुशासन अध्यापकों के लिए आवश्यक है।
- अनुशासन सामाजिक आवश्यकता है।
- अनुशासन अच्छे प्रशासन के लिए आवश्यक है।
- अनुशासन योग्यताओं का भावपूर्ण उपयोग है।
- अनुशासन विद्यार्थियों के ध्यान को दृढ़ बनाने के लिए आवश्यक है।
अनुशासन के अभाव में शक्ति का ह्रास होता है, अतः अनुशासन शक्ति की प्राप्ति और उसका प्रयोग करने हेतु महत्त्वपूर्ण है। अनुशासन में रहने से शिक्षा की प्रक्रिया सुचारु रूप से चलती है। विद्यालय की सारी व्यवस्था में अनुशासन और नियमों को लागू करने के पीछे यही बात है। यही कारण है कि अच्छे अनुशासित विद्यालयों के छात्र जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं।