आप भी कुछ कार्य में स्वतंत्रता चाहते होंगे, जिन्हें आप अपने माता-पिता या अन्य लोगों के अनुसार करते हैं। उन कार्यों के बारे में लिखिए यदि आपको स्वतंत्रता दी जाए तो आप उन्हें किस बदलाव के साथ करेंगे?

विचार/अभिमत

 

यदि हमें कुछ ऐसे कार्यों को करने की स्वतंत्रता दी जाए जो हम माता-पिता व अन्य लोगों की तरह कर सकें तो हम उन कार्यों को अपने अनुसार कुछ बदलाव के साथ करना पसंद करेंगे। वह कार्य कुछ इस प्रकार हो सकते हैं…

हमें अपनी पसंद के अनुसार अपनी पढ़ाई और विषय चुनने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।

अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे की रूचि किसी और विषय में होती है, लेकिन माता-पिता के दवाब में बच्चा वो विषय ले लेता है, जो उसे पसंद नही है, जिनमें उसकी रूचि नही है। इसका उल्टा ही प्रभाव होता है। रूचि न होने के कारण बच्चा उस विषय से संबंधित पढ़ाई में बहुत अधिक उन्नति नही कर पाता है और इससे उसकी पढ़ाई पर असर पड़ता है। हमें आगे हमें आगे भविष्य में क्या बनना है, इस बात को निर्धारित करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। हमें यदि डॉक्टर बनना है तो डॉक्टर बनने की निर्णय और पसंद हमारी होनी चाहिए ना कि हमारे माता-पिता की। हमें यदि इंजीनियर बनना है तो इंजीनियर बनने की पसंद हमारी होनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि हमें चित्रकार बनना है, लेकिन माता-पिता हमें डॉक्टर बनाना चाहते हैं, ये ठीक नही है।

यदि हमें अपनी इच्छानुसार पढ़ाई करने के समय के निर्धारण करने की स्वतंत्रता दी जाए तो हम अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई का समय निर्धारित कर लेंगे, जिससे हमपर एक निश्चित समय पर पढ़ाई करने का सवाब नहीं रहेगा और जब हमारा मूड फ्रेश होगा तब हम अपनी पढ़ाई करेंगे। अक्सर ऐसा होता है कभी-कभी पढ़ाई करने का मूड नहीं होता लेकिन माता-पिता या बड़े जनों की दबाव में आकर हमें बेमन से पढ़ाई करनी पड़ती है।

ऐसी स्थिति में पढ़ाई करने का कोई फायदा नहीं होता। पढ़ाई हमेशा ताजे दिमाग से करनी चाहिए ताकि जो कुछ पढ़ें वह दिमाग में अंकित हो जाए। पूरा यदि हमें मनपसंद खाना खाने की छूट दी जाए तो हम वह ही खाएंगे जो पसंद है। इसका मतलब यह नहीं कि हम जंक फूड और बाहर का हानिकारक खाना खाना शुरु कर दें।

हमारे कहने का मतलब है कि हमें अपनी मन के अनुसार सही खाना खाने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। हमें बाहर आने-जाने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, ताकि देर से घर लौटने पर हमें सफाई न देनी पड़े और जब हमें घर से बाहर जाना हो हम घर से बाहर जा सकें। इससे यह फायदा होगा कि यदि किसी दोस्त के साथ में देर हो गई है तो घर वापस जल्दी लौटने का दवाब नहीं रहेगा।


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