अनौपचारिक पत्र लेखन
पिता को पत्र
दिनांक: 15 मार्च, 2025
सेवा में,
श्री ओमप्रकाश जोशी
ग्राम – सिंधोरा
तहसील – धारणी
जिला – अमरावती
विषय: पिता के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करना
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
आशा है कि यह पत्र आपको स्वस्थ और प्रसन्न अवस्था में मिलेगा। मैं यहाँ नारायण चौक, अमरावती में अपने नए घर में सकुशल हूँ और अपने काम में व्यस्त हूँ।
पिताजी, आज मैं इस पत्र के माध्यम से आपको यह बताना चाहता/चाहती हूँ कि मेरे जीवन में आपका क्या महत्व है। कई बार हम अपने निकटतम लोगों के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, लेकिन आज मैं अपने मन की बात आपसे साझा करना चाहता/चाहती हूँ।
मेरे जीवन में आप एक मजबूत स्तंभ की तरह हैं। बचपन से लेकर आज तक, आपने मुझे हमेशा सही मार्ग दिखाया है। आपके संघर्ष और परिश्रम ने मुझे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। आपका अनुशासन और समर्पण मेरे लिए एक आदर्श रहा है।
याद है, जब मैं छोटा/छोटी था/थी, तब आप मुझे स्कूल छोड़ने रोज सुबह चार किलोमीटर पैदल चलते थे, फिर काम पर जाते थे। मेरी शिक्षा के लिए आपने कितने त्याग किए, इसका मूल्य मैं कभी नहीं चुका सकता/सकती। आपने मुझे सिखाया कि कठिनाइयों के सामने कभी न झुकें और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें।
पिताजी, आप मेरे पहले गुरु हैं। आपने मुझे सच्चाई, ईमानदारी और मेहनत का महत्व समझाया। आपका सादा जीवन और उच्च विचार मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आपके संस्कार और मूल्य ही मेरी पहचान हैं।
जब मैंने अपनी नौकरी के लिए अमरावती आना चाहा, तब आपने बिना किसी हिचकिचाहट के मुझे समर्थन दिया। आपने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं अपने सपनों को पूरा कर सकता/सकती हूँ। आपके इस भरोसे ने मुझे आत्मविश्वास से भर दिया।
आज मैं जो कुछ भी हूँ, वह आपके त्याग, समर्पण और प्यार के कारण हूँ। आपकी छत्रछाया में मैंने जीवन के कई मूल्यवान सबक सीखे हैं। आपके बताए हुए रास्ते पर चलकर मैंने अपना स्थान बनाया है।
पिताजी, कभी-कभी हम अपने माता-पिता को उनके जीवन में ही उनके महत्व के बारे में नहीं बता पाते। आज मैं आपको बताना चाहता/चाहती हूँ कि आप मेरे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। आपका प्यार, मार्गदर्शन और समर्थन मेरे लिए अनमोल है।
आशा है कि आप जल्द ही मेरे नए घर आएंगे। मैं आपका इंतज़ार कर रहा/रही हूँ।
आपका आज्ञाकारी पुत्र/पुत्री,
शैलेंद्र/शैलजा जोशी
नारायण चौक, अमरावती
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