अनौपचारिक पत्र
दादा-दादी को पत्र
दिनाँक – 11 अगस्त 2024
आदरणीय दादा-दादी,
सादर चरण स्पर्श
मैं यहाँ पर बिल्कुल स्वस्थ हूँ और आशा है कि आप दोनों स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। दादाजी-दादीजी मैं घर पर ठीक प्रकार से पहुँच गईं हूँ। आपके कहे अनुसार घर पहुँचते ही तुरंत पत्र लिख रही हूँ।
दादाजी-दादीजी, आपके पास बिताए गए वो कुछ दिन मेरे लिए अविस्मरणीय रहे। शहर की भाग-दौड़ से दूर, आपके गाँव में बिताया गया हर पल मेरे लिए एक नया अनुभव था। सुबह-सुबह चिड़ियों की चहचहाहट से जागना, ताजी हवा में सांस लेना, और दादी के हाथ के बने गरमा-गरम पराठों का स्वाद – ये सब याद आते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है।
दादाजी, आपके साथ खेतों में घूमना और प्रकृति के बारे में सीखना बहुत रोचक था। आपने जो पेड़-पौधों और पक्षियों के बारे में बताया, वो मेरे लिए नई जानकारी थी। दादीजी, आपके साथ रसोई में बिताया गया समय भी बहुत खास था। आपने जो पारंपरिक व्यंजन बनाना सिखाए, उन्हें मैं यहाँ भी बनाने की कोशिश करूंगी।
शाम को आँगन में बैठकर तारों को निहारना और आप दोनों का मुझे कहानियाँ सुनाना मेरा सबसे पसंदीदा समय था। आपके जीवन के अनुभव और सीख मेरे लिए बहुत मूल्यवान हैं।
मुझे याद है कि जब मैं वापस आ रही थी, तो आप दोनों की आँखों में आँसू थे। मैं भी भावुक हो गी थी। आप दोनों का प्यार और स्नेह मेरे लिए अनमोल है।
मैं जल्द ही फिर से आपसे मिलने आऊँगी। अब पत्र समाप्त करती हूँ। आप दोनों तक अपना ध्यान रखिएगा।
आपका प्यारी पोती,
मेघा