क. देवों और असुरों में युद्ध क्यों छिड़ा हुआ था?
उत्तर : देवों और असुरों में युद्ध इसलिए छिड़ा हुआ था क्योंकि देवों और असुरों के बीच संघर्ष का इतिहास पुराना था। असुरों ने देवताओं को एक युद्ध में पराजित कर दिया था और वह स्वर्ग पर अधिकार करना चाहते थे, लेकिन देवता असुरों को स्वर्ग पर किसी भी स्थिति में अधिकार नहीं करने देना चाहते थे।
ख. ब्रह्मा जी ने इंद्र को क्या उपाय बताया?
उत्तर : ब्रह्मा जी ने इंद्र को यह उपाय बताया कि वह पृथ्वी लोक के महर्षि दधीचि से सहायता लें। उनकी हड्डियों से बने वज्र से असुरों को पराजित किया जा सकता है।
ग. ऋषि दधीचि का आश्रम कैसा था?
उत्तर : ऋषि दधीचि का आश्रम बेहद सुंदर और शांत था। उनका आश्रम प्रकृति की गोद में एक सुरम्य स्थान पर स्थित था, जहाँ पर बेहद शांति का अनुभव होता था।
घ. इंद्र की बात सुनकर दधीचि ने क्या कहा?
उत्तर : इंद्र की बात सुनकर ऋषि दधीचि ने कहा कि वह देवताओं की सहायता के लिए अपने शरीर का बलिदान करने के लिए तैयार हैं और उनके शरीर की हड्डियों से देवता वज्र का निर्माण कर सकते हैं।
ङ. देवताओं ने संपूर्ण विश्व की रक्षा किसकी सहायता से की?
उत्तर : देवताओं ने संपूर्ण विश्व की रक्षा महर्षि दधीचि की सहायता से की। महर्षि दाधिचि की हड्डियों से बने वज्र से देवताओं ने असुरों को पराजित किया।
च. इस पाठ से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर : इस पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि संपूर्ण विश्व के कल्याण हेतु हमें अपने सर्वस्व को बलिदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। संपूर्ण विश्व और जनकल्याण के लिए यदि हमें अपने शरीर का बलिदान करना पड़े तो उसके लिए भी संकोच नहीं करना चाहिए। यह पाठ हमें किसी अच्छे उद्देश्य के लिए त्याग और बलिदान की शिक्षा देता है।