प्रश्न-1. राजा दशरथ ने वशिष्ठ मुनि से किस बात की चर्चा की? मुनि वशिष्ठ ने क्या सलाह दी?
उत्तर : राजा दशरथ ने वशिष्ठ मुनि से रघुकुल के अगले उत्तराधिकारी के बारे में चर्चा की। राजा दशरथ के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने गुरु वशिष्ठ मुनि से इस बारे में बात की और संतान प्राप्ति का उपाय पूछा। तब वशिष्ठ मुनि ने संतान प्राप्ति के लिए उन्हें पुत्रेष्ठि यज्ञ करने की सलाह दी।
प्रश्न-2. ‘पुत्रेष्टि यज्ञ’ की तैयारी राजा दशरथ ने किस प्रकार की?
उत्तर : पुत्रेष्ठि यज्ञ की तैयारी करने के लिए राजा दशरथ सबसे पहले श्रंग्य ऋषि के पास गए क्योंकि श्रंग्. ऋषि ही एकमात्र ऋषि थे जो पुत्रेष्टि यज्ञ को संपन्न करा सकते थे। राजा दशरथ के अनुरोध पर श्रंग्य ऋषि पुत्रेष्टि यज्ञ करने के लिए तैयार हुए।
श्रंग्य ऋषि की देखरेख में पुत्रेष्टि यज्ञ की सारी तैयारियां पूरी हुई। यज्ञ की यज्ञशाला सरयू नदी के किनारे बनाई गई। राजा दशरथ ने इस यज्ञ में अनेक राजाओं को आमंत्रित किया था। सबने यज्ञ में आहुतिया डालीं। अंतिम आहुति राजा दशरथ ने डाली।
प्रश्न-3. राजा दशरथ की रानियां ने किन-किन पुत्रों को जन्म दिया?
उत्तर : राजा दशरथ की तीन रानियां थीं, कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। तीनों रानियां ने कुल चार पुत्रों को जन्म दिया। राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया। दूसरी रानी कैकेयी ने भरत को जन्म दिया और सबसे छोटी रानी सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
प्रश्न-4. महर्षि विश्वामित्र के बारे में लिखिए।
उत्तर : विश्वामित्र मूल रूप से एक छत्रिय राजा थे, लेकिन उन्होंने अपना राज-पाट त्यागकर संन्यास ले लिया और पहले वह राजर्षि बने, फिर ब्रह्मर्षि बन गए। उन्होंने अपने एक विशाल आश्रम की स्थापना की। वह बहुत अधिक तपोबल वाले ऋषि थे। उन्होंने अपने तपोबल से अनेक सिद्धियां सिद्ध कर रखी थीं। वह एक सिद्धि प्राप्त करने के लिए यज्ञ कर रहे थे, जिसमें दो राक्षस बाधा डाल रहे थे।
प्रश्न-5. महर्षि विश्वामित्र ने राजा दशरथ से क्या मांग की?
उत्तर : महर्षि विश्वामित्र ने राजा दशरथ से उनके बड़े यानी जेष्ठ पुत्र राम को मांग लिया। महर्षि विश्वामित्र एक सिद्धि प्राप्त करने के लिए यज्ञ कर रहे थे। उनके आश्रम में होने वाले इस यज्ञ में दो राक्षस आकर बाधा डाल देते थे। इस कारण यज्ञ पूर्ण नहीं हो पा रहा था। उन राक्षसों का वध केवल राम ही कर सकते थे, इसीलिए महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ के पास उनके ज्येष्ठ राम को मांगने आए थे।