‘हरखि हृदय दशरथपुर आयी, जनु ग्रह दशा दूसह दुखदायी।’ काव्य पंक्ति में अलंकार है? 1. विभावना 2. रूपक 3. विरोधाभास 4. उत्प्रेक्षा

इस प्रश्न का सही विकल्प होगा..

3. विरोधाभास

 

हरखि हृदय दशरथपुर आयी, जनु ग्रह दशा दूसह दुखदायी।

अलंकार भेद : विरोधाभास अलंकार


जानें क्यों

हरखि हृदय दशरथपुर आयी, जनु ग्रह दशा दूसह दुखदायी।

इस काव्य पंक्ति में ‘विरोधाभास अलंकार है क्योंकि पहली पंक्ति के माध्यम से हर्षित हृदय की बात हो रही है तो वहीं दूसरी पंक्ति के माध्यम से दुख प्रकट हो रहा है, अर्थात दोनों पंक्तियों में एक दूसरे का विरोधाभास है, इसलिए यहां पर विरोधाभास अलंकार प्रकट हो रहा है।

विरोधाभास अलंकार क्या होता है?

विरोधाभास अलंकार उस काव्य में प्रकट होता है, जहां किसी काव्य पंक्ति में विरोध का आभास प्रकट हो रहा हो। जहाँ पर दो वस्तुओं में मूलतः विरोध ना होने के बावजूद भी विरोध का आभास हो रहा हो अथवा विरोध प्रतीत होता हो, तो वहाँ ‘विरोधाभास अलंकार’ होता है।

‘विरोधाभास अलंकार’ का एक उदाहरण और इस प्रकार है :

प्रिय मौन एक संगीत भरा यहाँ पर पंक्ति में विरोधाभास हो रहा है, क्योंकि संगीत में ध्वनि होती है, वहाँ मौन कैसे हो सकता है, इसलिए इस पंक्ति में भी ‘विरोधाभास अलंकार’ है।

अलंकार :

किसी काव्य में वे शब्द काव्य का सौंदर्य बढ़ाते हैं, वह अलंकार कहे जाती हैं। अंलकार काव्य के लिए आभूषण का कार्य करते हैं। जिस प्रकार आभूषण किसी स्त्री पुरुष की सुंदरता को अवसर बढ़ा देते हैं, उसी तरह अलंकार काव्य की सुंदरता को बढ़ा देते हैं।


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