लघु निबंध
वर्तमान समय में विद्यार्थी का दायित्व
विद्यार्थी किसी भी देश के कर्णधार होते हैं, क्योंकि वह देश का भविष्य होते हैं। वर्तमान युग हो या कोई भी युग हो, विद्यार्थी का दायित्व विशेष होता है क्योंकि उनका दायित्व उनमें संस्कारों की नीव रखता है। वर्तमान तकनीक युग मे विद्यार्थी का ये दायित्व और बढ़ जाता है क्योकि तकनीक और डिजिटल क्रांति के कई लाभ होने के साथ-साथ उसके दुष्प्रभाव भी हैं। वर्तमान युग में विद्यार्थियों को तकनकी और डिजिटल संसार के इन्ही दुष्प्रभाव से बचना है और एक विद्यार्थी के रूप में अपने सभी दायित्वो को कुशलता पूर्वक निभाना है।
विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य के निर्माता हैं। आज के विद्यार्थी कल के नागरिक बनेंगे, जो देश की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसलिए उनके कंधों पर कई महत्वपूर्ण दायित्व हैं।
सर्वप्रथम, विद्यार्थियों का प्रमुख कर्तव्य है अध्ययन। उन्हें अपनी शिक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने ज्ञान को निरंतर बढ़ाते रहना चाहिए। केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी आवश्यक है। उन्हें विज्ञान, तकनीक और नवीन खोजों से अवगत रहना चाहिए।
दूसरा महत्वपूर्ण दायित्व है चरित्र निर्माण। एक विद्यार्थी को अनुशासित, ईमानदार और नैतिक मूल्यों से युक्त होना चाहिए। समाज में फैली बुराइयों से दूर रहकर, अच्छे संस्कारों को अपनाना उनका कर्तव्य है।
तीसरा, विद्यार्थियों को समाज के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए। उन्हें सामाजिक समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उनके समाधान में योगदान देना चाहिए। स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाना उनका कर्तव्य है।
अंत में, विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। खेलकूद और व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। साथ ही, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना भी आवश्यक है।
वर्तमान समय में विद्यार्थियों के दायित्व बहुआयामी हैं। उन्हें शैक्षिक, नैतिक और सामाजिक सभी स्तरों पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए, क्योंकि वे ही भविष्य के कर्णधार हैं।
सबंधित प्रश्न
आपको स्कूल जाना क्यों अच्छा लगता है? (एक विद्यार्थी के नज़रिए से बताएं)