‘खान-पान द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रभाव’ विषय पर लघु निबंध लिखिए।

लघु निबंध

खान-पान द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रभाव

 

खान-पान का हमारे शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव पढ़ता है हम अपने आस-पास अकसर देखते हैं कि कुछ लोग जरूरत से ज्यादा मोटे और कुछ लोग जरूरत से ज्यादा पतले या कमजोर होते हैं । इसी तरह अनेक बच्चे छोटी उम्र में ही मोटापे और कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं जबकि कुछ बच्चे काफी कमजोर या पतले होने की वजह से बीमारियों से ग्रसित होते हैं । क्या हमने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है ? ऐसा नहीं है कि इस तरह के लोग या बच्चे खाते-पीते नहीं है या उन्हें खाने की वस्तुएं नहीं मिलती हैं । दरअसल इस तरह के मोटापे या बीमारियों की सबसे बड़ी वजह होती है उनका संतुलित आहार नहीं खाना । संतुलित आहार नहीं लेने से न केवल शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है बल्कि व्यक्ति की उत्पादकता भी काफी कम हो जाती है ।

संतुलित आहार में शामिल विटामिन और मिनरल हमें ताजे फलों और सब्जियों से प्राप्त होते हैं । आयोडीन, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं । इससे शरीर में खून की कमी दूर होती है और हड्डियां मजबूत बनती है । संतुलित आहार में फाइबर का होना भी जरूरी है । फाइबर युक्त आहार का सेवन पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होता है । मेडिकल साइंस के मुताबिक एक वयस्क को रोजाना करीब 25 से 30 ग्राम फाइबर जरूर लेना चाहिए ।

संतुलित भोजन के लिए सबसे जरूरी है खाने के साथ उचित मात्रा में पानी पीना । कम पानी पीने से शरीर में अनेक बीमारियों पैदा होती हैं । इसलिए खुद को हाइड्रेट रखने के लिए हर रोज कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना जरूरी है। संतुलित आहार लेते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रतिदिन पांच ग्राम से कम नमक (करीब एक चम्मच के बराबर) और आयोडीन युक्त नमक ही खाना है । संतुलित आहार में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें शामिल प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही शरीर के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है । प्रोटीन न मिले तो गठिया, हृदय रोग, गंजापन जैसी तमाम बीमारियां हो जाए । प्रोटीन को प्रोटीन मिले इसके लिए मीट, अंडा, सी फूड, दूध, दही, सूखे मेवे खाना चाहिए जो प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। वहीं कार्बोहाइड्रेट लेने से शरीर को ऊर्जा मिलती है । यह कई बीमारियों को रोकने में सहायक है ।

साबुत अनाज, ब्राउन राइस, दाल, फलियां, आलू, केला इसके मुख्य स्रोत हैं। हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ समाज द्वारा ही एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे समाज के आहार और पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे में हाल ही में शुरू किया गया आहार क्रांति (उत्तम आहार-उत्तम विचार)’ अभियान न केवल बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं को कुपोषण और गंभीर बीमारियों से बचाएगा बल्कि एक उन्नत समाज और श्रेष्ठ राष्ट्र के निर्माण में काफी सहायक सिद्ध होगा।


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