अपने दादाजी से योग दिवस तथा उसके महत्व के विषय में जानकारी लेते हुए योग दिवस के महत्व पर संवाद लिखिए।

संवाद

दादा और पोते के बीच योग दिवस के महत्व पर संवाद

 

पोता ⦂ दादाजी योग दिवस के बारे में कुछ बताइए। हम 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाते हैं?

दादाजी ⦂ बेटा, 21 जून को योग दिवस मनाने का कोई ऐसा विशेष कारण नहीं है। 21 जून की तारीख योग संबंधी किसी महत्वपूर्ण घटना से नहीं जुड़ी है, जिसका 29 जून को योग दिवस मनाया जाने लगा हो।

पोता ⦂ फिर हम योग दिवस 21 जून को क्यों मनाते हैं?

दादाजी ⦂ बेटा, दरअसल इस दिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया था। इसी कारण तब से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय  योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह घटना बहुत पुरानी नहीं है। 2015 में ऐसा योग दिवस मनाने का प्रचलन शुरु हुआ।

पोता ⦂ दादा जी हमें योग करना जरूरी क्यों है? योग से हमें क्या लाभ हैं?

दादाजी ⦂ बेटा, योग से बहुत अधिक लाभ ही लाभ है। योग हमारे शरीर को ना केवल बाहरी रूप से बढ़कर आंतरिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। शारीरिक व्यायाम करने से हम अपने शरीर को बाहरी तौर पर मजबूत बना लेते हैं। लेकिन आंतरिक रुप से हमारा शरीर इतना अधिक मजबूत नहीं बन पाता। लेकिन योग से हमारा शरीर बाहरी रूप से और आंतरिक रूप से दोनों तरह से स्वस्थ होता है तथा हमारा मन भी स्वस्थ होता है।

पोता ⦂ अच्छा।

दादाजी ⦂ बेटा, नियमित योग करना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है। यदि हम लोग को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना ले तो कोई भी बीमारी हमारे आसपास नहीं फटक सकती। योग हमें शारीरिक रूप से एवं मानसिक रूप से दोनों दृष्टि से मजबूत करता है।

पोता ⦂ योग्य और क्या-क्या लाभ हैं दादाजी ?

दादाजी ⦂ बेटा, योग हमारे शरीर को लचीला बनाता है। प्राणायाम करने से हमारे अपनी साँसों पर नियंत्रण स्थापित होता है और फेफड़ों का व्यायाम होता है। हमारे फेफड़े मजबूत बनते हैं। अलग-अलग आसन करने से हमारे शरीर की अनेक तरह की बीमारियां दूर होती हैं और हमारा शरीर लचीला तथा मुलायम बनता है। योग करने से हमारा मन शांत होता है, जिससे मन में बुरे विचारों का आगमन बंद होता है और हमारे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।

पोता ⦂ दादा जी, आपसे योग के अनेक लाभ जानकर मैंने मन में यह निश्चय कर लिया है कि मैं योग को अपने जीवन की नियमित दिनचर्या बना लूंगा।

दादाजी ⦂ शाबाश बेटा


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