संवाद लेखन
आउटडोर खेल के महत्व को लेकर माँ-बेटे की बीच संवाद
माँ ⦂ बेटा, तुम फिर से टीवी के सामने बैठे हो? बाहर जाकर खेलते क्यों नहीं हो?
बेटा ⦂ माँ, बाहर धूप बहुत है आप मुझे टीवी देखने दो।
माँ ⦂ तुम समझते क्यों नहीं, हर समय या तो टीवी के आगे बैठे रहोगे या कम्प्यूटर-मोबाइल से चिपके रहोगे। तुम कोई भी आउटडोर खेल खेलने क्यों नहीं जाते?
बेटा ⦂ माँ खेल-खेल होता है आउटडोर हो या इंडोर।
माँ ⦂ नहीं बेटा, ऐसी बात नहीं। तुम जो घर पर बिस्तर पर बैठे या कुर्सी पर बैठे मोबाइल, कम्प्यूटर आदि पर जो गेम खेलते रहते हो उनसे तुम्हारे शरीर को कोई फायदा नहीं होता। जबकि तुम यदि बाहर जाकर खेल खेलोगे तो तुम्हारे शरीर को बहुत लाभ होगा।
बेटा ⦂ (आश्चर्य से) सच माँ? बाहर खेलने से क्या फायदे होते हैं?
माँ ⦂ हाँ, बिल्कुल। बाहर खेलने से तुम्हारा शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। दौड़ने, कूदने, और खेलने से शरीर की सभी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और तुम तंदुरुस्त रहते हो।
बेटा ⦂ अच्छा, और क्या?
माँ ⦂ इसके अलावा, जब तुम बाहर दोस्तों के साथ खेलते हो, तो तुम नई-नई चीजें सीखते हो, जैसे टीम वर्क, एक-दूसरे की मदद करना, और खेल के नियमों का पालन करना। यह सब चीजें तुम्हारे सामाजिक कौशल को बेहतर बनाती हैं।
बेटा ⦂ यह तो बहुत अच्छा है, माँ। और क्या?
माँ ⦂ बाहरी खेल खेलने से तुम्हारी मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होती है। ताजी हवा में खेलने से तुम्हारा दिमाग शांत होता है और तनाव कम होता है। इससे तुम्हारी एकाग्रता भी बढ़ती है, जो पढ़ाई में भी मदद करती है।
बेटा ⦂ तो माँ, कौन-कौन से खेल खेल सकता हूँ मैं?
माँ ⦂ बहुत सारे खेल हैं, बेटा। तुम क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन जैसे खेल खेल सकते हो। ये सभी खेल तुम्हारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत अच्छे हैं।
बेटा ⦂ (उत्साहित होकर) माँ, अब मुझे समझ में आ गया। मैं अभी जाकर अपने दोस्तों के साथ खेलने जाता हूँ।
माँ ⦂ यह हुई ना बात, बेटा! जाओ और खूब खेलो। और हाँ, खेलते वक्त ध्यान रखना कि कोई चोट न लगे।
बेटा ⦂ ठीक है माँ, मैं ध्यान रखूँगा। धन्यवाद, माँ!
माँ ⦂ (मुस्कराते हुए) खुश रहो, बेटा। खेलो और स्वस्थ रहो।