संवाद
समय के महत्व पर बेटा और पिता के बीच संवाद
बेटा ⦂ पिताजी, आप हमेशा कहते हैं कि समय बहुत कीमती है। पर मुझे तो लगता है कि मेरे पास बहुत समय है। मैं तो अभी युवा हूँ।
पिता ⦂ बेटा, यही तो समझने की बात है। युवावस्था में ही समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए।
बेटा ⦂ लेकिन पिताजी, मैं तो अभी मज़े करना चाहता हूँ। पढ़ाई और काम के लिए तो पूरी ज़िंदगी पड़ी है।
पिता ⦂ देखो बेटा, समय एक अनमोल संपत्ति है जो एक बार निकल जाने पर वापस नहीं आती। जो समय बीत गया, वह लौटकर नहीं आएगा।
बेटा ⦂ हाँ, यह तो सही है। पर फिर भी मुझे लगता है कि मैं अभी से इतना गंभीर क्यों बनूँ?
पिता ⦂ गंभीर बनने की बात नहीं है। बात है समय के महत्व को समझने की। तुम मज़े भी करो, लेकिन साथ ही अपने लक्ष्यों के लिए भी काम करो। संतुलन बनाना सीखो।
बेटा ⦂ आपकी बात समझ में आ रही है। पर कैसे शुरुआत करूँ?
पिता ⦂ एक छोटी सी शुरुआत करो। अपना दिन नियोजित करो। हर दिन कुछ समय पढ़ाई के लिए, कुछ समय शौक के लिए, और कुछ समय परिवार के साथ बिताने के लिए निकालो।
बेटा ⦂ यह अच्छा विचार लगता है। मैं कोशिश करूँगा पिताजी।
पिता ⦂ शाबाश! याद रखो, समय का सही उपयोग करने से ही जीवन में सफलता मिलती है। और हाँ, कभी-कभी बस शांत बैठकर चिंतन करने का समय भी निकालना। यह भी बहुत ज़रूरी है।
बेटा ⦂ धन्यवाद पिताजी। आज मुझे समय के महत्व के बारे में बहुत कुछ समझ में आया।
पिता ⦂ बहुत अच्छे बेटा। मुझे विश्वास है कि तुम अपने समय का सदुपयोग करोगे और जीवन में बहुत आगे बढ़ोगे।
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