वर्षा के बाद निकले इंद्रधनुष को देख कर बच्चों का संवाद लिखिए।

संवाद लेखन

वर्षा  के बाद निकले इंद्रधनुष को देखकर बच्चों के बीच संवाद

 

राजू ⦂ सोनू,  वो देखो, आसमान में। कितना रंग बिरंगा आसमान लग रहा है!

सोनू ⦂ वह इंद्रधनुष है, जो बरसात के बाद आसमान में दिखता है।

गोलू ⦂ इंद्रधनुष कैसे बनता है? क्या तुम्हें पता है?

सोनू ⦂ इंद्रधनुष प्रकाश की किरणों के कारण बनता है। सूरज की किरणों में ही अनेक रंग छुपे होते हैं, जो वर्षा के बाद परावर्तन के कारण हमें इंद्रधनुष के रूप में दिखाई देने लगते हैं।

गोलू ⦂ अच्छा। इंद्रधनुष कितना सुंदर दिखता है!

राजू ⦂ हाँ, पहले के जमाने में जब इंद्रधनुष बनने का वैज्ञानिक कारण लोगों को नहीं पता था तो वह इसे जादू समझते थे।

राजू ⦂ अच्छा ऐसी बात है। लेकिन  इंद्रधनुष केवल वर्षा के बाद ही क्यों दिखाई देता है? हमेशा क्यों नहीं दिखाई देता?

सोनू ⦂ वह इसलिए,  इंद्रधनुष पानी की बूंदों पर सूरज की किरणों के परावर्तन के कारण ही दिखता  है। वर्षा के मौसम में आसमान में नमी रहती है और पानी के कण के आसमान में रह जाते हैं और इन्हीं बूंदों पर जब सूरज की किरणें पड़ती है तो वह एक प्रिज़्म बन जाती हैं। फिर सूरज की किरणें सात रंगों में बंट जाती हैं, जिससे इंद्रधनुष दिखाई देता है।

सभी बच्चे (एक साथ) ⦂ सोनू, तुमने बहुत अच्छी जानकारी दी।


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