संवाद लेखन
दिल्ली की गर्मी से राहत पाने के लिए हिल स्टेशन जाने के बारे में संवाद
माँ ⦂ बेटा, इस बार की गर्मी तो वाकई बहुत ज्यादा हो गई है।
बेटी ⦂ हाँ माँ, इस बार की गर्मी सच में असहनीय है। मुझे तो दिल्ली में रहना ही मुश्किल हो रहा है।
पिता ⦂ (हँसते हुए) तुम दोनों ठीक कह रहे हो। इस बार की गर्मी ने सबको परेशान कर दिया है।
बेटी ⦂ पापा, क्या हम इस बार कहीं घूमने जा सकते हैं? जैसे शिमला, मनाली या कश्मीर? वहाँ की ठंडी हवा में कुछ राहत मिलेगी।
माँ ⦂ (सहमत होते हुए) हाँ, यह अच्छा विचार है। हमें भी कुछ बदलाव की जरूरत है।
पिता ⦂ सही कहा, तुम्हारी माँ ने। चलो, हम योजना बनाते हैं। तुम दोनों शिमला और मनाली में से कौन-सा पसंद करोगे?
बेटी ⦂ (उत्साहित होकर) पापा, मुझे तो शिमला और मनाली दोनों ही पसंद हैं। लेकिन अगर चुनना हो, तो इस बार मनाली चलें? मैंने सुना है कि वहाँ के बर्फीले पहाड़ बहुत सुंदर हैं।
माँ ⦂ हाँ, मनाली भी बहुत अच्छा है। वहाँ के हिडिंबा मंदिर, सोलांग वैली और रोहतांग पास बहुत प्रसिद्ध हैं।
पिता ⦂ ठीक है, मनाली ही चलते हैं। मैं आज ही ऑनलाइन होटल बुक कर लेता हूँ और टिकट्स भी देख लेता हूँ।
बेटी ⦂ (खुश होकर) धन्यवाद, पापा! मुझे बहुत खुशी हो रही है। अब मैं जल्दी से अपनी पैकिंग कर लेती हूँ।
माँ ⦂ (मुस्कराते हुए) हाँ, बेटा, लेकिन अपने गर्म कपड़े और जरूरी चीजें रखना मत भूलना।
पिता ⦂ और हाँ, हम वहाँ जाकर ज्यादा घूम-फिर सकें, इसके लिए थोड़ी प्लानिंग भी कर लेते हैं।
बेटी ⦂ बिल्कुल पापा! मैं तो वहाँ की हर एक जगह देखना चाहती हूँ।
माँ ⦂ चलो, अब सब तैयारियाँ कर लेते हैं। मुझे भी मनाली में जाना बहुत अच्छा लगेगा।
पिता ⦂ तो फिर, मनाली की यात्रा के लिए तैयार हो जाओ। हम सब मिलकर इस गर्मी को ठंडी यादों में बदल देंगे!
बेटी ⦂ हुर्रे! मनाली, हम आ रहे हैं!
माँ ⦂ (मुस्कराते हुए) हाँ, अब मनाली की ठंडक में गर्मी को भूल जाएंगे।
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