संवाद
कोरोना के 2 साल बाद सहपाठियों के बीच संवाद
रमन ⦂ विमल कैसे हो?
विमल ⦂ ठीक हूँ, रमन। तुम सुनाओ आज 3 साल बाद हम लोग मिल रहे हैं।
रमन ⦂ हाँ, सही कह रहे महामारी ने हम लोगों को दूर कर दिया था 3 साल से हम लोग मिल भी नहीं पाए।
विमल ⦂ सही कह रहे हो। इस महामारी ने हम सब की नाक में दम कर दिया था। यह 2 साल कैसे मुश्किल निकले हम लोग ही जानते हैं।
रमन ⦂ हाँ, 2 साल बड़ी मुश्किल से निकले तीसरे साल में थोडी राहत मिलनी शुरु हुई थी। हम लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए थे। हम लोग मिल तक नही पाये और आज दो साल बाद मिल रहे हैं।
विमल ⦂ शुक्र है कि महामारी धीरे-धीरे खत्म गई है। अब पुराने दिन लौट आएंगे। हम लोग पहले की तरह का जीवन जी सकेंगे।
रमन ⦂ ऐसा ही होगा। कोरोना महामारी के दौरान जब तुम घर में थे तब तुमने क्या-क्या किया। तुमने कुछ सीखा ?
विमल ⦂ मैंने कोरोना के दौरान खाली समय का सदुपयोग करने के लिए इंटरनेट के माध्यम से कुछ आनलाइन कोर्स सीखे। इस दौरान मैंने कोडिंग सीख ली। अब मैं किसी भी तरह का एप बना लेता हूँ। मैंने ग्राफिक डिजाइनिंग का भी अभ्यास कर लिया।
रमन ⦂ यह तुमने बहुत अच्छा किया। मैंने भी डिजिटल मार्केटिंग मैं अपने हाथ आजमाए और डिजिटल मार्केटिंग से संबंधित कुछ बारीकियों को सीखा है। कोरोना के कारण वर्क फ्राम होम और ऑनलाइन एजुकेशन का महत्व पड़ा है। हमें भी अब पूरी तरह इंटरनेट फ्रेंडली होना पड़ेगा।
विमल ⦂ सही कह रहे हो। बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई चलो कहीं नाश्ता करते है और पुराने दिनों की याद ताजा करते है।
रमन ⦂ हाँ, हाँ चलो।
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