संवाद
चिड़ियाघर घूमकर आने के बाद दो मित्रों के बीच संवाद
(दो दोस्तों शशांक और सुनील चिड़ियाघर घूमने गए। चिड़ियाघर घूम कर आने के बाद दोनों के बीच संवाद हो रहा है।)
शशांक ⦂सुनील, तुम्हें चिड़ियाघर कैसा लगा।
सुनील ⦂ मुझे तो सच में मजा आ गया। इतनी अलग अलग प्रजाति के जानवर एक ही जगह देखकर मेरा मन सच में प्रसन्न हो गया।
शशांक ⦂ मुझे भी बहुत मजा आया। इससे पहले मैंने कभी शेर को साक्षात नहीं देखा था। मैंने टीवी या फिल्मों में ही शेर को देखा था अथवा तस्वीरों में शेर को देखा था।
सुनील ⦂ मैंने तो बहुत से जानवर टीवी पर ही देखें। अपनी आँखों से साक्षात उन जानवरों को देखने का अनुभव ही अलग था।
शशांक ⦂ आप सही कह रहे हो। वह शेरों का जोड़ा कितना प्यारा लग रहा था और जिराफ देखकर तो सच में मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
सुनील ⦂ और वह हिरण, वह कितने प्यारे लग रहे थे।
शशांक ⦂ मेरा तो मन ही नहीं कर रहा था कि मैं चिड़िया घर से बाहर आऊँ। लेकिन चिड़ियाघर बंद होने का समय हो गया था। इतने सारे जानवर साक्षात अपनी आँखों से देख कर मन नहीं भर रहा था।
सुनील ⦂ वही मेरा हाल है। अगले रविवार को हम लोग फिर चिड़ियाघर चलेंगे। और जी भर के सभी जानवरों को फिर से देखेंगे।
शशांक ⦂ हाँ ऐसा ही करेंगे।
Related questions
रक्तदान करने के विषय पर दो मित्रों के बीच संवाद लिखिए।