संवाद
मतदान जागरूकता एवं उसके महत्व पर दो मित्रों के बीच संवाद
(मतदान जागरूकता एवं उसका महत्व क्या है? इस विषय दो मित्रों नवीन और रंजीत के बीच संवाद हुआ हो रहा है।)
नवीन ⦂ रंजीत, तुमने पिछली बार के चुनाव मतदान किया था?
रंजीत ⦂ बिल्कुल! मतदान करना ना केवल मेरा अधिकार है बल्कि यह मेरा कर्तव्य भी है। मैं मतदान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता।
नवीन ⦂ यह बात तुमने बिल्कुल सही कही। मुझे तुमसे ऐसे ही उत्तर की अपेक्षा थी। मैं भी तुम्हारी तरह कभी मतदान करने का कोई ऑप्शन नहीं छोड़ता। कोई भी लोकतंत्र तब ही सफल रह सकता है जब उसके नागरिक अपने अधिकारों एवं कर्तव्य के प्रति जागृत रहें।
रंजीत ⦂ बिल्कुल सही बात है। अगर हम मतदान नहीं करेंगे तो हमारे प्रतिनिधि कैसे चुने जाएंगे। और यदि हम यह सोचने की मेरे एक व्यक्ति के मतदान न करने से क्या फर्क पड़ेगा तो यह बिल्कुल गलत सोच है। क्योंकि मत का महत्व होता है।
नवीन ⦂ बिल्कुल। यदि लोकतंत्र में हम सरकार की किसी गलत नीति के प्रति सवाल करते हैं तो हमें यह भी विचार करना होगा कि क्या हमने मतदान किया था कि नहीं। हमने अपने कर्तव्य का पालन किया था कि नहीं? किसी भी लोकतंत्र के नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह मतदान के अपने अधिकार का पूरा उपयोग करें।
रंजीत ⦂ लेकिन मुझे दुख है कि हमारे आसपास ही बहुत से लोग ऐसे हैं जो मतदान के दिन मतदान करने नहीं जाते बल्कि उस दिन अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं अथवा कहीं घूमने चले जाते हैं। वह मतदान करना जरूरी नहीं समझते।
नवीन ⦂ बिल्कुल सही। लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता का अभाव है इसीलिए लोग ऐसा करते हैं। क्यों ना हम लोग लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं। उन्हें यह पता चले कि उनके एक-एक मत का महत्व है।
रंजीत ⦂ तुम्हारा विचार उत्तम है। यह एक अच्छा कार्य होगा। लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने से हम अपने देश में लोकतंत्र की भलाई के प्रति अपना थोड़ा सा योगदान दे सकेंगे।
नवीन ⦂ हाँ, अगले वर्ष ही हमारे देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। हम अभी से लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू कर देते हैं।
रंजीत ⦂ हाँ, ऐसा करते हैं। इसके लिए हमें अपने कुछ और दोस्तों को जोड़ना पड़ेगा।
नवीन ⦂ हाँ, कल कुछ और दोस्तों से मिलते हैं और उन्हें इसी विचार के बारे में बताते हैं।
रंजीत ⦂ ठीक है।