अनौपचारिक पत्र
भीख मांगते बच्चे के बारे में बताते हुए नानाजी को पत्र
दिनांक : 19 जून 2024
प्रणाम नाना जी,
आशा करता हूँ, आप सब ठीक होगे । नानाजी, आप जब से हमारे घर से गए हो मुझे आपकी याद आती है। आज मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ। नानाजी, आज मैंने ट्रैफ़िक सिग्नल पर भीख मांगते हुए एक छोटे बच्चे को देखा। छोटे बच्चे को देखकर मुझे बहुत दुःख हुआ। मेरा मन रोने लग गया । मुझे ऐसा लगा कि ये कितने मजबूह हैं। इनके पास कुछ नहीं है जो अपने जरूरतों के लिए भीख मांग रहे है। इन बच्चों ने अपना बचपन भी खो दिया है। यह अपना जीवन दूसरों से भीख मांग कर दूसरों उम्मीद लगते है कि कोई उनकी मदद करेगा। मुझे देखकर बहुत दुःख हुआ । नाना जी यह छोटे बच्चे बहुत दुखी जीवन व्यतीत करते है। हम अपने-अपने छोटे-छोटे दुखों से दुखी हो जाते है। इन्हें देखकर मुझे बहुत अजीब लगा। यह दृश्य मेरे आँखों से जा नहीं रहा है।
नाना जी, मैंने सोच लिया है कि मैं बड़े होकर ऐसे बच्चों की मदद जरूर करूंगा। मैं इस तरह इन बच्चों का दुःख नहीं देख सकता। मैं बड़ा होकर समाज के असहाय और कमजोर लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूँ। मेरे इस निर्णय के बारे आपके क्या विचार है, आप पत्र में लिखना। मैं आपके पत्र का इंतजार करूंगा ।
आपका प्यारा पोता,
सचिन
Related questions
बाढ़ पीड़ितों की मदद के दौरान हुए अपने अनुभवों को अपने मित्र से साँझा करते हुए पत्र लिखिए।