कहानी
काश मैंने समय का महत्व समझा होता तो आज मैं भी सफल होता।
समय इस संसार में सबसे बड़ा कीमती है। एक बार जो समय बीत गया, वह वापस नहीं लौटता है। सब कुछ वापस लौट सकता है, लेकिन समय वापस नहीं लौट सकता।इसलिए समय का महत्व समझना चाहिए। जीवन बहुत छोटा होता है और समय का एक एक पल कीमती होता है।
मैंने इस समय के महत्व को नहीं समझा और अपना समय व्यर्थ गवाँ दिया इसलिए जीवन में मैं वह सफलता प्राप्त नहीं कर पाया जो प्राप्त करनी चाहिए थी। बचपन में मेरे माता-पिता ने मुझे अच्छे स्कूल में दाखिला करा दिया था। मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही थी लेकिन फिर मेरी अपने मोहल्ले मे पड़ोस में ऐसे दोस्तों के साथ संगत हो गई, जिनके साथ रहकर पढ़ाई में कम ध्यान देने लगा और उन लोगों के साथ खेलकूद में अधिक ध्यान देने लगा।
मेरे माता-पिता मेरी बिगड़ती आदतों को देख कर मुझे मुझे समझाते रहते थे कि तुम बेकार के कामों में अपना समय मत गवाँओ। तुम्हारा अभी पढ़ाई का समय है। यदि तुमने यह समय गवा दिया तो तुम आगे बहुत पछताओगे। मैं उनकी बात नहीं सुनता था और कहता रहता था। नहीं मैं पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहा हूँ जबकि मैं पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता था और खेलकूद तथा बेकार की गतिविधियों में अपना समय गवाँता रहता था।
इसका परिणाम यह हुआ कि मैं पढ़ाई में पिछड़ता गया। दसवीं की परीक्षा में मेरे बहुत कम आए। उसके बाद भी मुझे अकल नही आयी। मेरे माता पिता नें मुझे बहुत समझाया और डांटा लेकिन मैं उनको सुधरने का वादा करके भी नही सुधरा और अपनी मनमर्जी करता रहा। उसके बाद 12वीं परीक्षा में भी मेरे बहुत कम आए।
मेरी कक्षा के लगभग सारे दोस्तों ने साइंस स्ट्रीम में दाखिला लिया जबकि मुझे कम अंक आने के कारण आर्ट में दाखिला लेना पड़ा। मैं अपने दोस्तों से पिछड़ चुका था। अब मुझे अपनी गलती का अहसास होने लगा था, इसलिए मैं तनावग्रस्त रहने लगा।
मैं ग्रेजुएशन पूरा नही कर पाया और मेरी पढ़ाई छूट गई। मुझे एक कंपनी में छोटी-मोटी नौकरी से संतोष करना पड़ा। जबकि मेरे सभी स्कूली दोस्त डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आईएएस आदि बनकर अच्छा जीवन जी रहे हैं। यदि मैं अपने मोहल्ले के गलत दोस्तों की गलत संगत में नहीं पड़ता तो आज मैं भी सफल होता, लेकिन मैं वैसा नहीं बन पाया।
इसलिए समय बड़ा कीमती होता है। समय रहते उसकी पहचान कर लेनी चाहिए, नहीं तो बाद में पछताना पड़ता है।
Other questions
सफलता और परिश्रम के विषय पर एक छोटी-सी कहानी लिखिए।
‘एक टोकरी भर मिट्टी’ कहानी को आप क्या शीर्षक देना चाहेंगे और क्यों? लिखिए।