अनुच्छेद
यदि मैं हवाई जहाज़ होता
यदि मैं हवाई जहाज होता, तो आसमान में ऊँची उड़ान भरता और दुनिया के हर कोने को देखने का मौका पाता। मैं बादलों के बीच से गुजरते हुए विभिन्न देशों और उनकी संस्कृतियों का अनुभव करता। हर दिन नई-नई जगहों पर उतरता और लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाता।
यदि मैं हवाई जहाज होता तो मेरा जीवन रोमांचक और चुनौतीपूर्ण होता क्योंकि मैं अलग-अलग देशों में जाता, जहाँ पर अलग-अलग भौगोलिक परिस्थातियां होती है। हवाई जहाज होने पर मैं ऊंचाईयों को छूता और हवा से बातें करता हुआ बादलों के बीच से गुजरता। मैं बादलों से बातें करता और उनसे कहता कि तुम समय पर बरस जाया करो। अलग-अलग देशों के हवाई अड्डों पर रुकते समय, मुझे विभिन्न भाषाओं को जानने का मौका मिलता और तरह-तरह के लोगों से मुलाकात होती।
यदि मैं हवाई जहाज होता तो लोग मेरी वजह से अपने प्रियजनों से मिलते, नए स्थानों की खोज करते और अपने सपनों को पूरा करते। इस तरह लोगों को उनके प्रियजनों से मिलाकर, उनके गंतव्य तक पहुँचाकर मुझे अपार आनंद आता। यदि मैं हवाई जहाज होता मैं देशों की सीमाओं के बंधन से परे आसमान की उँचाईयों को छूता और विभिन्न देशों की दूरियों को नापता।
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