अनुच्छेद लेखन
समाज में फैलती जा रही बुराई
आज हमारा समाज निरंतर पतन की ओर अग्रसर होता जा रहा है। समाज में अनेक बुराइयां फैलती जा रही हैं, जोकि चिंता का विषय है। समाज में भाईचारा खत्म होता जा रहा है। धर्म जाति के आधार पर लोग एक दूसरे से लड़ने लगे हैं। इसके अलावा आज समाज में दिखावा और प्रदर्शन का बहुत अधिक जोर हो गया है। लोग अधिक स्वार्थी हो गए हैं। समाज के लोग आत्मकेंद्रित हो गए हैं, और स्वयं के स्वार्थ तक सिमट कर रह गए हैं। हमारे समाज में भ्रष्टाचार भी एक प्रमुख समस्या बन गई है। लोग अपने लाभ के लिए कोई भी गलत कार्य करने से भी नही चूकते। जिसको मौका मिल जाता है वह सब कुछ हासिल कर लेना चाहता है। रिश्तो की अहमियत खत्म होती जा रही है। नई पीढ़ी तो रिश्तों की अहमियत बिल्कुल भी नही समझती। नई पीढ़ी को न तो अपने पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों की परवाह है और न ही अपनी संस्कृति पर गर्व है। नई पीढ़ी बस पश्चिम सभ्यता का अंधानुकरण करने में ही लगी है। समाज में नैतिक मूल्यों को पतन की से समाज गलत दिशा मे जाता जा रहा है। स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के नाम लोग कुछ भी उल्टे सीधे आचरण को करने लगे हैं, उनके अंदर सदाचरण और नैतिकता का बिल्कुल अभाव हो गया है। इसलिए समाज में फैलती ये बुराइयां समाज के लिए एक चिंता का विषय हैं।