यदि आज हमारे पास मुद्रा का वर्तमान स्वरूप ना होता तो हमें अनेक तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। हमें व्यापार विनिमय करने में बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। हम व्यापार विनिमय करने के लिए और वस्तु की खरीदारी आदि के लिए एक ही स्थान पर सीमित रह जाते।
यदि मुद्रा का वर्तमान स्वरूप ना होता तो ई-कॉमर्स जैसा कोई भी व्यवसाय का अस्तित्व नहीं होता। यदि मुद्रा का वर्तमान स्वरूप ना होता तो हम घर बैठे किसी भी तरह की खरीदारी नहीं कर पाते। तब हमें वस्तुओं के आदान-प्रदान द्वारा ही अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना पड़ता। ऐसी स्थिति में यदि हमें कोई वस्तु चाहिए तो हमें वह वस्तु पाने के लिए हमारे पास जो वस्तु उपलब्ध है उस वस्तु को ले जाकर संबंधित व्यक्ति को देना पड़ता। इस कार्य में हमारा काफी समय एवं श्रम लग जाता।
मुद्रा के वर्तमान स्वरूप के कारण हमारा जीवन बेहद सुगम हो गया है। हम अपनी जेब में कागज के रूप में बड़े मूल्य की मुद्रा रख सकते हैं। हम प्लास्टिक मनी के रूप में जैसे कि क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के रूप में भी मुद्रा अपनी छोटी सी जेब में रख सकते हैं। इस तरह हम कहीं पर भी किसी तरह की कोई भी खरीदारी आसानी से कर सकते हैं। हमें जिस वस्तु की आवश्यकता है, उस वस्तु की खरीदारी आसानी से कर सकते हैं, जबकि मुद्रा ना होने पर किसी वस्तु की आवश्यकता होने पर सामने वाले व्यक्ति को जिस वस्तु की आवश्यकता है, वह वस्तु हमारे पास होनी आवश्यक होती थी। यह एक बेहद मुश्किल कार्य था।
मुद्रा का वर्तमान स्वरूप कागज के रूप में होता है, जोकि बेहद हल्के होते है और लाने लेजाने और रखने में सुविधाजनक होते हैं। जबकि मुद्रा न होने अथवा मुद्रा के प्राचीन स्वरूप में मुद्रा धातुओं के सिक्के के रूप में होती थी, जिसे बड़ी मात्रा में लाना ले जाना काफी असुविधाजनक था।
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