‘एक टोकरी भर मिट्टी’ कहानी का उद्देश्य लिखिए। इस कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

‘एक टोकरी भर मिट्टी’ कहानी माधवराव सप्रे द्वारा लिखित एक सामाजिक कहानी है, जिसके माध्यम से उन्होंने अमीरों द्वारा गरीबों पर किए जाने वाले अन्याय के प्रसंग को उठाया है।

इस कहानी के दो मुख्य पात्र हैं जो एक अमीर जमींदार तथा एक विधवा स्त्री हैं। अमीर जमींदार के महल के सामने एक विधवा स्त्री की झोपड़ी है। अपने आलीशान महल के सामने विधवा स्त्री की वह झोपड़ी उसे फूटी आँख नहीं सुहाती। इसी कारण वह विधवा स्त्री को वह झोपड़ी वहाँ से हटाने को कहता हैं, लेकिन विधवा स्त्री वह अपनी झोपड़ी हटाने के लिए तैयार नहीं है। वह उस झोपड़ी में कई वर्षों से रहे रही है। उसके पति, बेटे तथा पुत्रवधू सभी उसके साथ इस झोपड़ी में रहते थे, जो अब इस दुनिया में नहीं है। उनकी यादे उस झोपड़ी में बसी हुई हैं। उसके साथ केवल उसकी एक पोती रह गई है। उस झोपड़ी में उसकी जीवन भर की यादें बसी हुई हैं।

अनेक तरह के जतन करने के बाद भी जब विधवा स्त्री जमीदार के महल के सामने से अपनी जोड़ी झोपड़ी हटाने के लिए तैयार नहीं हुई तो उसने कुटिल चाल चलकर अदालत में वकीलों आदि को पैसा खिलाकर अदालत के माध्यम से विधवा स्त्री की झोपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया और मजबूरन विधवा स्त्री को अपनी पोती सहित झोपड़ी छोड़कर जाना पड़ा। वह आसपास ही रहने लगी, लेकिन एक दिन उसके और जमीदार के बीच घटित एक घटना के कारण जमींदार का हृदय परिवर्तित हो गया और उसने विधवा स्त्री की झोपड़ी वापस कर दी।

इस कहानी के माध्यम से लेखक के कहने का यही उद्देश्य है कि उच्च वर्ग के लोग जो धन-बल से संपन्न होते हैं, वह अपने धन-बल के कारण निर्धन लोगों के जीवन के सारे अधिकार छीन लेते हैं। उन्हें अपने शानो-शौकत में कोई भी कमी नहीं आनी चाहिए। इसके लिए चाहे उन्हें किसी निर्धन व्यक्ति के जीवनावश्यक अधिकारों का हनन क्यों न करना पड़े। अमीर जमींदार केवल अपनी शान-शौकत के कारण ही विधवा स्त्री की वह झोपड़ी हटाना चाहता था जो उसके लिए रहने का एकमात्र सहारा थी।

अमीर लोगों को अपने सुख-सुविधा के आगे गरीबों की जीवन आवश्यक जरूरत का भी ख्याल नहीं होता। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने उच्च वर्ग और निम्न वर्ग के बीच उपजे गहरी खाई पर ध्यान आकर्षित कराने की चेष्टा की है। हालांकि कहानी का अंत अच्छा है और विधवा स्त्री जमींदार को अपने किए पर पछतावा होने के कारण उसकी झोपड़ी उसे वापस मिल गई। इस तरह कहानी नकारात्मक पक्षों से गुजरती हुई अंत में सकारात्मक पर जाकर खत्म होती है।


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