यायावर लोग घोड़ी के दूध को कहते थे…? 1. रूमी 2. कुम्मी 3. शमी 4. इनमें से कोई नहीं

सही विकल्प :

2. कुम्मी

व्याख्यात्मक विवरण

यायावर लोग घोड़ी के दूध को कुम्मी (Kumiss) कहते थे। 12 वीं शताब्दी में मध्य एशिया के यायावर कबीलों का प्रमुख व्यवसाय पशुपालन होता था। मध्य एशिया के मंगोलिया में उस समय अनेक तरह के चारागाह होते थे। यायावर लोगों का प्रमुख भोजन माँस एवं दूध होता था। मंगोल लोग घोड़े के मांस खाने के बहुत शौकीन होते थे। वह हर तरह के जानवर का मांस खा जाते थे, जिसमें गाय, भेड़, बकरी, कुत्ते, लोमड़ी, खरगोश, चूहे आदि थे। वह या तो सामान्य तौर पर माँस को पका कर खाते थे अथवा उसे उबाल कर खाते थे। कभी-कभी वह कच्चा माँस भी खा जाते थे। वह खाने के बर्तनों में सफाई का बेहद कम ध्यान रखते थे।

यायावर लोग घोड़ी के दूध पीने के बड़े शौकीन थे और वह घोड़ी के दूध को ‘कुम्मी’ (Kumiss) कहते थे।


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