अर्जुन लाल सेठी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे। भारत के मुक्ति संग्राम में उनकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अर्जुनलाल सेठी का जन्म 9 सितंबर, 1880 को जयपुर के एक जैन परिवार में हुआ था। 1902 में उन्होंने इलाहाबाद से बीए की परीक्षा पास की।
1906 में उन्होंने जयपुर में वर्धमान विद्यालय की स्थापना की, जो वास्तव में क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देने का केंद्र था। उन्होंने क्रांतिकारी आंदोलन के लिए धन जुटाने की योजनाएं बनाईं। 23 दिसंबर, 1912 को दिल्ली में लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। हार्डिंग बम कांड के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सबूत के अभाव में उन्हें सज़ा नहीं दी जा सकी, लेकिन बिना मुकदमा चलाए जेल में रखा गया। बाद में उन्हें 5 वर्ष का कारावास मिला और वेल्लोर जेल भेज दिया गया।
वेल्लोर जेल में उन्होंने राजनीतिक कैदियों के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार के खिलाफ 70 दिन की भूख हड़ताल रखी। 1920 में रिहा होने के बाद, वे अजमेर में रहने लगे। उन्होंने चंद्रशेखर आज़ाद जैसे प्रसिद्ध क्रांतिकारियों को मार्गदर्शन दिया। मेरठ षड्यंत्र कांड और काकोरी कांड के अभियुक्तों को अपने घर में शरण दी। गांधीवादी कांग्रेसियों से मतभेद के कारण वे कांग्रेस से अलग हो गए। आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए, उन्होंने अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर बच्चों को अरबी और फ़ारसी पढ़ाना शुरू किया। 23 दिसंबर, 1941 को उनका निधन हो गया।
अर्जुन लाल सेठी राजस्थान की राजनीतिक चेतना जागृत करने वाले प्रमुख नायकों में से एक थे और उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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