स्तंभ लेख से क्या तात्पर्य है?

स्तंभ लेख से तात्पर्य भारत के आंतरिक प्रदेशों में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयोग में ले जाने वाले पत्थर के शिलालेखों से था। बौद्ध धर्म के चरम के समय स्तंभ लेखों द्वारा बौद्ध धर्म का काफी प्रसार किया गया था।

कुछ स्तंभ लेख इस प्रकार हैं..

दो तराई स्तंभ लेख : इस तरह के स्तंभ नेपाल की तराई में स्थित पाए जाते थे। इन स्तंभ लेखो में सम्राट अशोक के द्वारा बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थान की यात्राओं का वर्णन किया गया था। इन स्तंभों में सम्राट अशोक की धार्मिक यात्राओं का वर्णन मिलता है।

सप्त स्तंभ लेख : ये स्तंभ लेख भारत में अलग-अलग छह जगहों पर पाए जाते हैं। इन्हीं छः जगहों में दो जगहें दिल्ली के पास स्थित है। इन स्तंभ लेखों का प्रयोग भी बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार और उनके सिद्धांतों के प्रचार के लिए किया गया।

चार लघु स्तंभ लेख : इन चार लघु स्तंभ लेखों में दो साँची और सारनाथ में तो दो स्तंभ प्रयाग में पाए गए हैं। इन स्तंभ लेखों से माध्यम से यह पता चलता है कि तत्कालीन समय में बौद्ध धर्म में जो भी मतभेद आदि होते थे, उनको दूर करने के लिए इन स्तंभ लेखो का निर्माण किया गया था। यह स्तंभ लेख बौद्ध धर्म में व्याप्त मदभेदों और शंकाओ के समाधान के लिए बनाए गए।


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