धर्म प्रवर्तक से तात्पर्य धर्म का प्रचार करने वाले व्यक्ति से होता है। धर्म प्रवर्तक शब्द बौद्ध धर्म के उदय से प्रचलन में आया। बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु अनेक भिक्षुक आदि बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करते थे। वह धर्म के प्रचार-प्रसार करने वालों को धर्म-प्रवर्तक कहा जाता था।
मौर्य शासक अशोक ने धर्म प्रवर्तक के रूप में बहुत कार्य किया। कलिंग युद्ध में हुए भीषण नरसंहार के बाद अशोक हृदय परिवर्तन हो गया। उसने बौद्ध धर्म को पूर्णता से ग्रहण कर लिया। फिर उसने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए काफी कार्य किया। उसने अपने पुत्र-पुत्री को बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार हेतु भारत से बाहर कई जगह भेजा। अपने बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपना तन-मन-धन लगा दिया। बौद्ध धर्म प्रचार के कारण अशोक को धर्म प्रवर्तक के रूप में जाना गया।