अनुच्छेद लेखन
नारी के बढ़ते कदम
आज की नई एक प्रगतिशील नारी है और वह तेज गति से हर जीवन के हर क्षेत्र में अपने कदम को आगे बढ़ा रही है। आज की नारी के बढ़ते कदमों को कोई नहीं रोक सकता। नारी ने सदियों से अपने ऊपर अत्याचार और बंधन सहे हैं। लेकिन नारी के अत्याचार, शोषण और बंधन का वह दौर बीत चुका है। अब नारी पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। जिन क्षेत्रों में पहले पुरुष का ही वर्चस्व स्थापित था, उन क्षेत्र में नारी ने अपना मुकाम बनाया है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जहां पर नारी में अपनी उपस्थिति को दर्ज नहीं कराया। पहले बहुत से क्षेत्र ऐसे थे, जहाँ पर स्त्रियों को काम करने के योग्य नहीं समझा जाता था, लेकिन आज की नारी उन सभी क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति को स्थापित कर चुकी है। आज की नारी हर जगह अपनी काबिलियत का लोहा मंगवाया। नारी ने अपने हुनर द्वारा सिद्ध किया है कि वह पुरुषों से कम नहीं है और उस हर कार्य को कर सकती है, जो पुरुष कर सकते हैं। आज लड़के और लड़की के बीच भेद-भाव मिट गया है। माता-पिता की सोच बदल रही है। वह अपनी बेटियों को भी उतना पढ़ा रहे हैं, जितना पहले केवल बेटों को ही पढ़ाते थे। बेटियों को वह सारी सुख-सुविधाएँ और अधिकार दिए जाने लगें हैं, जो पहले केवल बेटों को ही दिए जाते थे। नारी ने भी स्वयं को मिले इस अवसर को पूरी तरह भुनाया है. हर जगह अपनी काबिलियत सिद्ध की है। जीवन के हर क्षेत्र में लड़कियां प्रगति कर रही हैं। नारी के बढ़ते कदमों को अब कोई नहीं रोक सकता।