हम भी सिंह, सिंह तुम भी हो,
पाला भी है आन पड़ा।
आओ हम तुम आज देख लें
हम दोनों में कौन बड़ा ।।
संदर्भ : ये काव्य पंक्तियां कवि ‘श्याम नारायण पांडे’ द्वारा लिखी गई ‘हल्दीघाटी’ नामक काव्य के प्रथम सर्ग से ली गई हैं। इन पंक्तियों का प्रसंग उस समय का है, जब महाराणा प्रताप और शक्ति सिंह वन में शिकार खेलने गए और उनमें आपस में वीरता के प्रदर्शन को लेकर विवाद हो गया था। इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है…
भावार्थ : महाराणा प्रताप शक्ति सिंह से कहते हैं कि मैं सिंह के समान यानि मैं वीर हूँ और तुम भी सिंह के समान यानि तुम भी वीर हो। आज हम दोनों का आमना-सामना हो रहा है। आज हम दोनों की शक्ति प्रदर्शन हो जाए। आज ये भी निश्चित हो जाएगा कि हम दोनों में से श्रेष्ठ वीर कौन है, कौन सही अर्थों में श्रेष्ठ वीर राजपूत है।