अनुच्छेद लेखन
आलस करना बुरी आदत है
लालच करना बुरी आदत है। यह बात हम अपने बड़ों से और विद्वान जनों से सुनते आ रहे हैं। एक आलसी व्यक्ति जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकता। जीवन में सफलता का एकमात्र मूल मंत्र है परिश्रम और प्रयास। आलसी व्यक्ति इन इन गुणों को नहीं अपना पाता। इसीलिए वह अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता। एक विद्यार्थी के लिए एक विद्यार्थी के लिए आदत की आदत से दूर रहना ही सर्वोत्तम उपाय है। आलस करने की आदत विद्यार्थी के जीवन पर दुष्प्रभाव डाल सकती है। यदि यदि किसी विद्यार्थी ने आलस करने की आदत अपना ली। तो वह परिश्रम करना छोड़ देगा। उसका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। लह पढ़ाई को हमेशा टालता रहेगा। इस तरह कल करूंगा यह कहकर टालते हुए परीक्षा की घड़ी आ जाएगी और वह विद्यार्थी पढ़ाई पूरी ना कर पाने के कारण परीक्षा में असफल रह जाएगा। इस तरह आलस की आदत किसी भी व्यक्ति के जीवन में हितकारी नहीं होती। हमें अपने जीवन में परिश्रम करने से और निरंतर प्रयास करते रहने से ही सफलता मिलती है। आलस के दुर्गुण के समान है। इसलिए हमें आलस की आदत को कभी भी नहीं अपनाना चाहिए।
‘आलस को मार भगाएंगे, परिश्रम को अपनाएंगे‘ यह मूल मंत्र जीवन में सफलता का मूल मंत्र है।
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