औपचारिक पत्र
मोबाइल के उपयोग के संबंध में संपादक के नाम जन-जागृति पत्र
दिनांक : 30 अप्रेल 2024
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
प्रभात खबर, दिल्ली
माननीय संपादक महोदय,
आजकल बच्चों द्वारा मोबाइल के उपयोग की प्रवृत्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बच्चों द्वारा निरंतर मोबाइल का उपयोग करने की यह प्रवृत्ति बेहद नुकसानदायक है, और एक चिंतनीय समस्या है। आज मोबाइल की पैठ हर व्यक्ति के जीवन में हो चुकी है। हर व्यक्ति को मोबाइल की आवश्यकता महसूस होने लगी है और लगभग हर किसी व्यक्ति के पास मोबाइल है। बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे हैं।
बच्चे थोड़ा सा बड़ा होते ही माँ-बाप से अपनी मोबाइल दिलाने के लिए जिद करते हैं और मोबाइल लेकर ही मानते हैं। मोबाइल लेकर वे इसका दुरुपयोग करने लगते हैं। बच्चे लोग दिनभर या तो मोबाइल में सोशल मीडिया पर बिजी रहते हैं या मोबाइल पर गेम खेलते रहते हैं, इससे उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। मोबाइल पर गेम खेलने अथवा मोबाइल पर सोशल मीडिया पर व्यस्त रहने के कारण वह अपनी पढ़ाई से विमुख होते जा रहे हैं और जीवन में उन्हें उनकी जो प्राथमिकता शिक्षा हासिल करने की है, वह उससे ध्यान भटका कर मोबाइल पर व्यर्थ की बातों में अपना समय गवां रहे हैं।
मेरे विचार के अनुसार सरकार को तथा समाज के जागरूक नागरिकों को इस संबंध में कोई पहल करनी आवश्यक है। मेरे सुझाव के अनुसार एक निश्चित उम्र सीमा तक बच्चों द्वारा मोबाइल को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। किसी भी जगह पर बच्चों द्वारा मोबाइल का प्रयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। माँ-बाप को भी इस संबंध में निर्देश करना चाहिए अपने बच्चों को मोबाइल देने की जल्दी ना करें। बच्चे के पूरी तरह समझदार होने तक शिक्षा अच्छी तरह हासिल करने के बाद ही मोबाइल दें।
बच्चों द्वारा मोबाइल का अत्याधिक उपयोग करने बढ़ रही प्रवृत्ति पर से शीघ्र ही अंकुश लगाना होगा नहीं तो हमारी आने वाली पीढ़ी मोबाइल के भंवर जाल में फंसकर अपने भविष्य को चौपट कर लेगी।
एक पाठक,
राकेश सैनी,
राजेंद्र नगर, दिल्ली ।