‘चीफ की दावत’ कहानी में ‘माँ’ के चरित्र की विशेषताएं
‘चीफ की दावत’ कहानी भीष्म साहनी द्वारा रचित एक मार्मिक कहानी है, जिसमें ‘माँ’ कहानी की सबसे प्रमुख पात्र है। उसके अलावा उनका पुत्र शामनाथ कहानी का एक अन्य प्रमुख पात्र है। चीफ की दावत कहानी में शामनाथ की ‘माँ’ के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं…
- ‘चीफ की दावत’ कहानी में श्यामनाथ की माँ एक ग्रामीण घरेलू महिला हैं, जो स्वभाव से बेहद सीधी-सादी हैं। अपना अधिकतर जीवन गाँव में बिताने के कारण उनका स्वभाव सीधा एवं सरल है। शहर में अपने बेटे के अफसर बन जाने के बाद वह अपने अफसर बेटे श्यामनाथ के घर रहने को आई हैं।
- ‘चीफ की दावत’ कहानी में माँ एक बेहद जुझारू महिला के रूप में चित्रित की गई है। जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने बेटे श्यामनाथ को पढ़ा लिखा कर इस योग्य बनाया कि वह एक बड़ा अफसर बन गया।
- माँ ग्रामीण पृष्ठभूमि की सीधी-सादी महिलाएं हैं, इसलिए उन्हें अपने अफसर बेटे श्यामनाथ की आधुनिक पाश्चात्य युक्त जीवन शैली बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसी कारण जब वह अपने बेटे के घर जाती हैं तो वह बेटे के परिवार की जीवन शैली के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाती हैं।
- माँ एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिलाएं हैं और वह सात्विक भोजन खाने वाली महिला हैं। उन्हें अपने बेटे के घर में मांस आदि पकना बिल्कुल भी अच्छा नही लगता है। वह मांसाहारी भोजन को हाथ तक नहीं लगातीं।
- कहानी में शामनाथ की माँ को अपने बेटे शामनाथ से बेहद प्रेम है। इसी कारण शामनाथ द्वारा लगातार उपेक्षा किए जाने के बावजूद बैठे अपने बेटे का साथ नहीं छोड़तीं है। वह चुपचाप बेटे के उपेक्षित व्यवहार को सहती रहती हैं।
- चीफ की दावत कहानी की माँ हस्तशिल्प कला में निपुण महिला और फुलकारी की कढ़ाई करने में माहिर हैंं। उनकी यही हस्तशिल्प कला शैली शामनाथ के चीफ अफसर को पसंद आ गई थी।
- माँ बेहद सहृदय महिला भी हैं। उनकी बेटा निरंतर उनकी उपेक्षा करता रहता है लेकिन उसके बावजूद जब बेटा अपनी जरूरत पड़ने पर फुलकारी बनाने के लिए माँ की खुशामद करता है, तो वह पिछली सारी बातें भुलाकर अपनी बेटे की बात को मान लेती हैं।
Other questions
शामनाथ तथा उनकी पत्नी ने चीफ़ को दावत पर बुलाने के लिए कौन-कौन-सी तैयारियाँ की? (चीफ़ की दावत)