जिसमें सुगंध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे, दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन सा है? मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकतीं, आनंद पथ जहांँ है, वह देश कौन सा है? जिसके अनंत धन से, धरती भरी पड़ी है, संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है? भावार्थ बताएं।

जिसमें सुगंध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे,
दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकतीं,
आनंद पथ जहांँ है, वह देश कौन सा है?
जिसके अनंत धन से, धरती भरी पड़ी है,
संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है ?​

भावार्थ : कवि रामनरेश त्रिपाठी द्वारा लिखित कविता ‘वह देश कौन सा है?’ की इन पंक्तियों का आशय यह है कि कवि कहते हैं कि वह देश कौन सा है?, जहाँ दिन रात सुगंधित फूल दिन रात विहँसते रहते हैं, यानी खिले रहते हैं और अपनी सुगंध से पूरे देश के वातावरण को सुगंध में बना देते हैं। वह देश कौन सा है?, जहाँ के मैदानों में पर्वतों में और वनों में हरियाली उसी प्रकार लहराती है, जिस तरह आग तेजी से अपने चारों तरफ फैलकर पूर पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लेती है। वह देश कौन सा है? जहां अनंत काल से अनेक महामानव जन्म लेते रहे हैं, ये भारत देश सभी देशों की शिरोमणि है।


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चरन चोंच लोचन रंग्यो, चलै मराली चाल। क्षीर-नीर बिबरन समय, बक उघरत तेहि काल।। ​भावार्थ बताएं।

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