‘नेताजी का चश्मा’ कहानी के अनुसार देश के निर्माण मे बड़े ही नहीं बच्चे भी शामिल हैं। आप देश के नव निर्माण मे किस प्रकार योगदान देंगे?

‘नेता जी चश्मा’ कहानी के अनुसार देश के निर्माण में बड़े ही नहीं बच्चे भी शामिल हैं। यह बात बिल्कुल स्पष्ट है, क्योंकि जिस तरह नेता जी की मूर्ति पर बच्चों ने कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु हो जाने के बाद सरकंडे का चश्मा लगाया, उससे स्पष्ट पता था कि बच्चों के मन में भी अपने स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों के प्रति सम्मान था। बच्चों ने नेताजी की मूर्ति की गरिमा को कम नहीं होने दिया।

किसी भी देश का निर्माण कोई अकेला नहीं कर पाता। देश का निर्माण सब लोग मिलजुलकर करते हैं। इनमें बड़े-बच्चे सभी शामिल होते हैं। बच्चे ही देश का कर्णधार होते हैं। उनके अंदर देशभक्ति की भावना बड़ों की अपेक्षा अधिक प्रबल होती है, क्योंकि वह जीवन के छल-कपट से दूर होते हैं। इसलिए बच्चों के अंदर जो देशभक्ति होती है, वह अधिक पवित्र और सार्थक होती है, इसलिए बच्चे जो भी कार्य करते हैं वह उनके देश का हित में ही होता है। बड़े जो भी कार्य करते हैं बच्चे उसका अनुसरण करते हैं। इसलिए सब मिलकर देश का निर्माण करते हैं।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं उनका नाम नहीं होता, लेकिन देश के विकास और निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस तरह स्पष्ट होता है कि जिस तरह ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में पहले बड़ों ने नेता जी की मूर्ति लगाई, कैप्टन चश्मे वाले ने उस मूर्ति का चश्मा ना होने पर उसकी गरिमा को बचाए रखा और निरंतर चश्मा लगाता रहा। उसकी मृत्यु होने के बाद जब मूर्ति चश्मा विहीन हो गई तो ये जिम्मा बच्चों ने उठा लिया और उन्होंने सरकंडे का चश्मा लगा दिया। इस तरह स्पष्ट हो गया कि देश के निर्माण में सभी का महत्वपूर्ण योगदान होता है, बड़े और बच्चे सब समय आने पर अपना-अपना योगदान देते हैं।

हम अपने देश के नव निर्माण में अपना योगदान देने के लिए सबसे पहले एक अच्छा नागरिक अच्छा एवं आदर्श नागरिक बनने का प्रयास करेंगे। अपने देश के नवनिर्माण में सच्चा योगदान देश का एक आदर्श एवं ईमानदार नागरिक ही दे सकता है। यदि हम नागरिक के रूप में देश के प्रति अपने कर्तव्यों का सही रूप से निर्वहन करेंगे और कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे देश को किसी भी प्रकार की हानि हो, देश की प्रतिष्ठा को आंच आए, देश को आर्थिक क्षति हो तो यही हमारे लिए अपनी तरफ से देश का नव निर्माण में सच्चा योगदान होगा। अच्छे एवं आदर्श नागरिक के रूप में अपने सभी कर्तव्यों का पालन करना देश के नव निर्माण में योगदान से कम नहीं होता है।


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