श्वेत कोयला (White Coal) किसे कहा जाता है?
सामान्य संदर्भ में श्वेत कोयला ‘जल विद्युत’ को कहा जाता है। जलविद्युत को श्वेत कोयला इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसका उत्पादन जल को ऊँचाई से से गिरा कर टर्बाइन की सहायता से विद्युत उत्पन्न की जाती है। इसीलिए इसे ‘श्वेत कोयला’ यानि ‘सफेद कोयला’ कहा जाता है। कोई भी कोयला ऊर्जा ईंधन का रूप होता है। जलविद्युत ईंधन का ही एक रूप है, इसलिए इसे श्वेत कोयला कहा जाता है। श्वेत कोयला नाम का एक पदार्थ भी है, जो सफेद आग पर कटी हुई लकड़ी को सुखाकर ईंधन का एक परिवर्तित रूप होता है। इसका यह परिवर्तित रूप चारकोल से भिन्न होता है। 16-17वीं शताब्दी में सफेद कोयले का उपयोग किया जाता था। यह लकड़ी की तुलना में अधिक गर्मी पैदा करता था। इस कोयले का प्रयोग अधिकतर यूरोप व अमेरिका के ठंडी जलवायु वाले देशों में किया जाता है।
श्वेत कोयला (White Coal) शब्द पानी से प्राप्त हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जल विद्युत संयंत्रों द्वारा उत्पादित बिजली को श्वेत कोयला कहा जाता है क्योंकि यह स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत है। इसलिए श्वेत कोयला वास्तव में कोयला नहीं है बल्कि जल विद्युत ऊर्जा को इस नाम से संदर्भित किया जाता है।
भूरा कोयला (Brown Coal) किसे कहा जाता है?
- भूरा कोयला ‘लिग्नाइट’ को कहा जाता है। कोयले के निर्माण की प्रक्रिया में उसके द्वितीय चरण में लिग्नाइट का रंग भूरा होता है, इसलिए इसे ‘भूरा कोयला’ कहा जाता है।
- भूरा कोयला एक प्रकार का कम गुणवत्ता वाला बायोमास आधारित ठोस ईंधन है। इसे लिग्नाइट भी कहा जाता है।
- यह काले कोयले से कम उर्जा-गहन होता है और अधिक कार्बन का उत्पादन करता है।
- भूरा कोयला बायोमास देवदारु और पौधों के अवशेषों से बनता है जो धीरे-धीरे कोयले में परिवर्तित हो गए।
- इसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन और कुछ उद्योगों में इंधन के रूप में किया जाता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, श्वेत कोयला पानी से मिलने वाली नवीकरणीय ऊर्जा को संदर्भित करता है, जबकि भूरा कोयला एक ठोस ईंधन है जो वास्तविक रूप से कोयले की एक किस्म है।
