पूर्वी तटीय मैदान और पश्चिमी तटीय मैदान भारत के भारत के विशाल भू-भाग को घेरते हैं। पूर्वी तटीय मैदान भारत के पूर्वी क्षेत्र बंगाल से तमिलनाडु तक फैला हुआ है तो पश्चिमी तटीय मैदान भारत के पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात से केरल तक फैले हुए हैं। पूर्वी तटीय मैदान और पश्चिमी तटीय मैदान में मुख्य अंतर इस प्रकार हैं…
बिंदु | पूर्वी तटीय मैदान | पश्चिमी तटीय मैदान |
विस्तार | पूर्वी तटीय मैदान पश्चिम बंगाल से शुरू होकर दक्षिण में तमिलनाडु तक फैला हुआ है। | पश्चिमी तटीय मैदान गुजरात के कच्छ से लेकर दक्षिण में केरल तक फैला है। |
भाग | ये मैदान दो भागों में बंटा हुआ है – उत्तरी और दक्षिणी। उत्तरी भाग को उत्कल तटीय मैदान कहा जाता है। दक्षिणी भाग कोरोमंडल तट के नाम से जाना जाता है। ये भाग तमिलनाडु से उड़ीसा और आंध्र प्रदेश होता हुआ पश्चिमी बंगाल तक फैला हुआ है। | पश्चिमी तटीय मैदान तीन भागों में बंटा हुआ है। उत्तरी भाग कोंकण तट (महाराष्ट्र), केंद्रीय भाग अरावली तट (कर्नाटक) और दक्षिणी भाग मलाबार तट (केरल) दोनों भागों के बीच कृष्णा और गोदावरी नदियों का डेल्टा है। दक्षिण में कन्याकुमारी से चेन्नई तक का भाग कोरोमंडल तट कहलाता है। |
चौड़ाई | औसतन 100-120 किमी चौड़ा है। | औसतन 50 किमी चौड़ा है। |
डेल्टा | बड़ी नदियों द्वारा विशाल डेल्टा का निर्माण होता है। | छोटी नदियों द्वारा छोटे डेल्टा का निर्माण होता है। |
मिट्टी की उर्वरता | अत्यधिक उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है। | अपेक्षाकृत कम उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है। |
आकार | चौड़ा है। | बहुत संकीर्ण है। |
भूमि स्वरूप | एक समान, समतल मैदान है। | कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटा हुआ है। |
राज्य/क्षेत्र | पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु। | गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और केरल। |
नदियाँ | बड़ी पूर्ववाहिनी नदियाँ बहती हैं। प्रमुख नदियाँ हैं: महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी। ये नदियाँ पूर्वी घाट से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये नदियां विशाल डेल्टा का निर्माण करती हैं। | छोटी पश्चिमवाहिनी नदियाँ बहती हैं। मुख्य नदियाँ हैं: नर्मदा, ताप्ती, जूआरी और मंडोवी। ये नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में गिरती हैं। |