प्रेमचंद की कहानियों का विषय समय के अनुसार बदलता रहा था, क्योंकि प्रेमचंद समय के साथ चलने वाले व्यक्ति थे। उनके जीवन में अनेक तरह के उतार-चढ़ाव आए थे। बचपन से लेकर आखिर तक उनके जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन आए। उसी के अनुसार उनकी कहानियों पर भी समय का प्रभाव पड़ता रहा है।
प्रेमचंद की माता का देहांत तभी हो गया था जब प्रेमचंद मात्र 8 वर्ष के थे। उनकी कहानी बड़े घर की बेटी में आनंदी का किरदार उन्होंने अपनी माँ को केंद्र में रखकर ही लिखा था, क्योंकि उनकी माँ का स्वभाव भी आनंद जी से कुछ कुछ मिलता-जुलता था।
प्रेमचंद्र ने एक विधवा शिवरानी देवी से पुनर्विवाह किया था और अपने उपन्यास अपने एक उपन्यास में उन्होंने अमृतराय का किरदार उन्होंने इसी को ध्यान मे रखकर लिखा था था।
जब प्रेमचंद लेखन कार्य करते थे तो उस समय भारत स्वतंत्र नहीं था अंग्रेजों का गुलाम था उनकी कहानियों पर तत्कालीन समय का भी प्रभाव पड़ा था उन्होंने अलग-अलग सामाजिक परिस्थितियों पर अलग-अलग कहानियां लिखी और तत्कालीन समाज की दशा और परिस्थितियों का वर्णन उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से किया है।
इस तरह हम कह सकते है कि प्रेमचंद की कहानियों का विषय समयानुकूल बदलता रहा।
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