- उत्तोलक यानि लीवर
- पहिया
- घिरनी
- ढलवाँ तल
- पेंच
- फन्नी
उत्तोलक : उत्तोलक यानि लीवर एक तरह की वह मशीन होती है, जोकि किसी भार को उठाने का कार्य करती है। उत्तोलक के तीन बिंदु होते हैं, आलम्ब, आयास और भार। उत्तोलक भी तीन प्रकार के होते हैं।। प्रथम श्रेणी का उत्तोलक, द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक तथा तृतीय श्रेणी का उत्तोलक।
पहिया : ये एक सरल मशीन है, जो घूर्णन करने वाली मशीन होती है अर्थात यह घूमने वाली एक सरल मशीन है। पहिए की क्षैतिज या ऊर्धवाकार आकार होती है तथा इसके किनारे वक्राकार होते हैं। जिससे यह गति करता है। पहिया एक बेहद प्राचीन मशीन है और यह हजारों वर्षों से सरल मशीन के रूप में प्रचलित है।
घिरनी : घिरनी एक सरल मशीन है जो कुएं से पानी आदि बाल्टी द्वारा पानी निकालने के लिए कार्य में लाई जाती है। घिरनी दो प्रकार की होती है। स्थिर घिरनी और चलायमान घिरनी।
ढलवाँ तल : एक सरल मशीन है, जो इसी वस्तु को उच्च स्थान से निम्न स्थान की ओर अथवा किसी वस्तु को निम्न स्थान से उच्च स्थान की ओर ले जाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
पेंच : पेंच एक सरल मशीन है। इसमें घुमावदार कटाव होते हैं और किनारा वक्राकार होता है। इसका प्रयोग वस्तुओं को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।
फन्नी : पन्नी धातु अथवा लकड़ी का त्रिकोणीय टुकड़ा होता है, जिसका प्रयोग वस्तुओं को अलग करने के लिए अथवा उन्हें उठाने के लिए किया जाता है। चाकू, छुरी, छेनी आदि सामान्य रूप से इस्तेमाल किए जाने वाली फन्नी हैं।