अनौपचारिक पत्र
मित्र को पत्र
दिनांक : 20 जून 2024
प्रिय मित्र नीलेश,
मुझे पता चला है कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। जिसका मुख्य कारण तुम्हारी अनियमित जीवनशैली है। तुम्हें अपने जीवन शैली में सुधार करने की आवश्यकता है। आज मैं तुम्हें योग एवं व्यायाम के महत्व के बारे में बताना चाहूंगा ताकि तुम योग एवं व्यायाम के महत्व को समझ सको और उसे अपने जीवन शैली में नियमित रूप से प्रयोग में लाओ। मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूं कि योग एवं व्यायाम को अपनाकर अपने स्वास्थ्य को पूरी तरह से दुरुस्त कर सकोगे और एक सफल एवं स्वस्थ जीवन जी सकोगे।
हमारा स्वास्थ्य हमारा सबसे बड़ा धन है। यदि यह धन हमारे पास से चला गया तो हम सचमुच में निर्धन हो जाएंगे। तुम जानते हो कि योग हमारे भारतीय जीवन शैली की एक प्राचीन पद्धति है। योग के माध्यम से शरीर को आंतरिक एवं बाहरी दोनों रूप से शुद्ध एवं सुदृढ़ बनाया जा सकता है। योग शरीर को स्वस्थ रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसी कारण 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है जो दुनिया भर में योग के महत्व को स्पष्ट करता है। अभी दो दिन बाद ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आने वाला है। मेरा तुमको यह सुझाव है कि इसी दिन से योग को अपने जीवन की नियमित दिनचर्या बना लो। तुम विश्वास करो कि कुछ महीनों में ही तुम्हारे स्वास्थ्य में गजब का सुधार दिखाई देगा और तुम हमको पहले से बहुत बेहतर एवं स्वस्थ महसूस करोगे। योग के साथ-साथ तुम व्यायाम को भी अपने जीवन की नियमित दिनचर्या बना लो।
व्यायाम से मेरा तात्पर्य बड़े-बड़े यंत्रों के माध्यम से व्यायाम करने से नहीं अपने दैनिक जीवन में ही छोटे-मोटे हल्के-फुल्के व्यायाम करने से है। तुम रोज नियमित रूप से टहल सकते हो, दौड़ लगा सकते हो, उठक बैठक कर सकते हो, दंड बैठक कर सकते हो। यह सारे हल्के-फुल्के व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ एवं मजबूत रखते हैं।
तुम्हारी सहायता के लिए में पत्र के साथ योग संबंधी एक पुस्तक भेज रहा हूँ, जिसमें योग कैसे किया जाए इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। एक छोटी सी पुस्तक व्यायाम के ऊपर भी है, इसमें तुम्हे अनेक हल्के-फुल्के व्यायामों के बारे में विस्तार से जाने में मदद मिलेगी। आशा है कि तुम एवं व्यायाम के महत्व को समझ कर एवं व्यायाम को अपनाओगे और अपने दैनिक दिनचर्या बना लोगे।
तुम्हारा मित्र,
पवन ।
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