‘चंद्रघंटा’ में कौन सा समास है? समास विग्रह भी करें।

चंद्रघंटा का समास विग्रह इस प्रकार होगा…

चंद्रघंटा : चंद्र रूपी घंटा
समास भेद : कर्मधारण्य समास

स्पष्टीकरण :

‘चंद्रघंटा’ में ‘कर्मधारण्य समास’ क्योंकि इसमें प्रथम पद एक विशेषण की तरह कार्य कर रहा है और द्वितीय पद एक विशेष्य है। यहाँ पर पहला पद एक उपमान है, और दूसरा पद उसका विशेष्य है। ‘चंद्र’ ये पद एक विशेषण की तरह कार्य कर रहा है जो द्वितीय पद ‘घंटा’ का विशेषण है। ये द्वितीय पद के लिए उपमान की तरह भी कार्य कर रहा है इसलिए ‘चंद्रघंटा’ में कर्मधारण्य समास’ होगा।

कर्मधारण्य समास

कर्मधारय समास की परिभाषा के अनुसार कर्मधारण्य समास में पहला पद एक विशेषण का कार्य करता है तथा दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। कर्मधारय समास में पहला पद उपमान तथा दूसरा पद विशेष्य का कार्य करता है।

जैसे
विश्वव्यापी : विश्व में व्याप्त है जो
नीलांबर : नीला है जो अंबर

समास के संक्षिप्तीकरण की क्रिया समासीकरण कहलाती है। समासीकरण के पश्चात जो नया शब्द बनता है, उसे समस्त पद कहते हैं। समस्त पद को पुनः मूल शब्दों में लाने की प्रक्रिया ‘समास विग्रह’ कहलाती है।


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