निर्झरी ⦂ निः + झरी
संधि भेद ⦂ विसर्ग संधि
निर्झर ⦂ निः + झर
संधि भेद ⦂ विसर्ग संधि
स्पष्टीकरण
‘निर्झरी’ और ‘निर्झर’ इन शब्दों में ‘विसर्ग संधि’ होगी।
विसर्ग संधि में जब विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन आए तो वहां पर विसर्ग संधि होती है।
विसर्ग संधि में पहले पद के अंतिम वर्ण में विसर्ग होता है। उसके बाद दूसरे पद के प्रथम वर्ण में कोई स्वर अथवा व्यंजन होता है।
विसर्ग संधि बनाने के 10 नियम होते हैं, यहां पर विसर्ग संधि का वह नियम लागू हो रहा है, जिसमें प्रथम पद के विसर्ग वाले वर्ण में कोई स्वर और दूसरे पद के द्वितीय वर्ण में ‘झ’ व्यंजन अथवा ब, व, ध जैसे व्यंजन हों तो वह ‘र्’ में परिवर्तित हो जाता है।
उदाहरण
निः + बल ⦂ निर्बल
निः + मोही ⦂ निर्मोही
निः + वेद ⦂ निर्वेद
निः + धन ⦂ निर्धन