‘भुवनत्रयम’ ससास विग्रह इस प्रकार है :
भुवनत्रयम : तीन भुवनों का समाहार
समास भेद : द्विगु समास
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स्पष्टीकरण
‘भुवनत्रयम’ में द्विगु समास में इसलिए है क्योंकि इस पद का समास विग्रह करने पर पहला पद एक संख्या को प्रदर्शित करता है।
द्विगु समास में पहला पर एक संख्यावाचक पद होता है, जो दूसरे पद के लिए संख्या प्रदर्शित करता है। दिगु समास का समास विग्रह करने पर पहला पद संख्या में परिवर्तित हो जाता है और दूसरा पद उस संख्या जो दूसरे पद के लिए संख्या प्रदर्शित करता है।
समास क्या हैं?
समास से तात्पर्य दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर बने नए पद से होता है। यह नया पद सभी पदों का संक्षिप्त रूप होता है। सरल अर्थों में कहें तो दो या दो से अधिक अधिक पदों को एक ही पद में समेट लेने की क्रिया ही समासीकरण कहलाती है। समास की प्रक्रिया में दो या दो से अधिक पदों को एक नए पद में परिवर्तित कर दिया जाता है। नया पद एक सार्थक अर्थ प्रकट करता है, जो सभी मूल पदों के मिले-जुले अर्थ को भी प्रकट करता है।
समास के 6 भेद होते हैं जो कि इस प्रकार हैं…
• अव्ययीभाव समास
• तत्पुरुष समास
• कर्मधारय समास
• बहुव्रीहि समास
• द्विगु समास
• द्वंद्व समास