शब्द शक्ति, अमिधा, लक्षणा, व्यंजना। (हिंदी व्याकरण)

शब्द शक्ति : हिंदी व्याकरण में शब्द शक्ति’ से तात्पर्य शब्दों की उस शक्ति से होता है जो शब्द के अर्थ का बोध कराती है। हर शब्द में एक अर्थ छिपा होता है। उस शब्द के मूल अर्थ का बोध कराने वाली शक्ति को शब्द शक्ति’ कहा जाता है। आइये शब्द शक्ति को समझते हैं…

शब्द शक्ति

शब्द शक्ति से तात्पर्य शब्द के अर्थ का भाव का बोध कराने वाली शब्द शक्ति से होता है। किसी भी शब्द या शब्द समूह में एक अर्थ छुपा होता है, वह मूल अर्थ का बोध कराने की शक्ति को शब्द शक्ति कहा जाता है। शब्द के अर्थ का बोध जिस भाव या रीत द्वारा कराया जाता है, वही उस शब्द की शक्ति है। शब्दों के अर्थ के बोध के अलग-अलग प्रकार होते हैं। उसी आधार पर शब्द शक्ति भी अलग-अलग प्रकार की होती है।

शब्द शक्ति के भेद

शब्दों के अनुसार शब्द के अर्थ तीन प्रकार के होते हैं।

  • वाच्यार्थ
  • लक्ष्यार्थ
  • व्यंग्यार्थ

इन्हीं तीन अर्थ के आधार पर शब्द शक्ति भी तीन प्रकार की होती है, जो कि इस प्रकार है :

✫  अमिधा
✫  लक्षणा
  व्यंजना

अभिधा

अमिधा शब्द शक्ति से तात्पर्य शब्द के उस अर्थ बोध से होता है, जो शब्द का सबसे प्रचलित एवं साधारण अर्थ होता है। किसी शब्द को सुनने या पढ़ने के बाद वाचक या श्रोता उस शब्द का जो सबसे प्रसिद्ध एवं प्रचलित अर्थ ग्रहण करें, वह ‘अमिधा’ शब्द शक्ति कहलाती है अमिधा शब्द शक्ति में शब्द के सांकेतिक अर्थ का बोध होता है।

अभिधा में शब्द शक्ति से युक्त शब्द के अर्थ में कोई विरोधाभास प्रकट नही होता और ना ही कोई कोई अवरोध नही होता और उसका सीधा अर्थ प्रकट होता है।

जैसे…
सुरेन्द्र खाना खा रहा है।

यहाँ पर सीधा स्पष्ट है कि सुरेन्द्र नाम का एक व्यक्ति खाना खा रहा है।

आशीष खेल रहा है।

यहाँ पर सीधा स्पष्ट है कि आशीष नाम का एक बालक खेल रहा है। इस तरह अमिधा शब्द शक्ति के माध्य से शब्द का सबसे सामान्य और सबसे प्रचलित अर्थ प्रकट होता है।

लक्षणा

‘लक्षणा’ शब्द शक्ति से तात्पर्य किसी शब्द की उस शक्ति से होता है, जिसमें वह शब्द अपना कोई सामान्य अर्थ प्रकट ना करके कोई विशिष्ट अर्थ प्रकट करता हो। लक्षणा शब्द शक्ति में इसमें शब्द की शक्ति लक्ष्यार्थ अर्थ होती है वो अपने मुख्य अर्थ को छोड़कर किसी अन्य विशेष अर्थ को प्रकट करती है।

अमिधा के अन्तर्गत सामान्य अर्थ में शब्द के जिस अर्थ को लिया जाता है, लक्षणा शब्द शक्ति के अंतर्गत उस अर्थ को किसी अन्य विशिष्ट अर्थ के संदर्भ में ग्रहण किया जाता है।

लक्षणा शब्द शक्ति में शब्दों का एक विशिष्ट अर्थ छिपा होता है, जो शब्द को सामान्य अर्थ से अलग विशिष्ट अर्थ प्रयुक्त करता है।

जैसे…
भारत जाग उठा।

यहाँ पर भारत से तात्पर्य एक व्यक्ति से नही बल्कि देश से है। भारत के जागने का विशिष्ट अर्थ है कि भारत देश में एक चेतना आयी।

दूसरा उदाहरण
हरीश बिल्कुल गधा है।

यहाँ पर हरीश नाम के व्यक्ति को गधा बताकर ये कहने का ये प्रयास नही किया जा रहा है कि हरीश गधा नामक जानवर है, बल्कि ये बताने का प्रयास किया जा रहा है कि गधा एक मूर्ख प्राणी माना जाता है इसलिये हरीश की संज्ञा गधे से करके हरीश को मूर्ख बताने का प्रयास किया गया है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति में शब्द का अर्थ ना तो वाच्यार्थ होता है और ना ही लक्ष्यार्थ होता है। यहाँ पर शब्द का अर्थ अलग-अलग संदर्भों में एक ही समय में अलग अलग हो सकता है। व्यंजना शक्ति में शब्द शक्ति में मुख्य और लक्ष्य अर्थ से अलग व्यंजन निहित होता है।

व्यंजना शब्द शक्ति से युक्त शब्द का अर्थ अलग अलग व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है। व्यंजना शब्द शक्ति में एक ही तरह के शब्दों से अलग-अलग व्यक्तियों के लिये अलग-अलग अर्थ प्रकट होते हों तो वहाँ ‘व्यंजना’ शब्द शक्ति होती है।

जैसे…
सुबह के पाँच बज गए।

सुबह के पाँच बजने का अलग-अलग लोगों के लिए अलग अर्थ होगा।

  • किसी घरेलू महिला के लिए इसका अर्थ घर के कामकाज को शुरु करना है।
  • किसी कामकाजी पुरुष या महिला के लिये इसका अर्थ अपने दफ्तर के लिए तैयार होने से है।
  • किसी छात्र के लिए इसका अर्थ विद्यालय जाने के लिए तैयार होने से है।
  • रात की पाली के किसी चौकीदार या किसी कारखाने के श्रमिक के लिए इसका अर्थ ड्यूटी समाप्त होने से है।

 


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